10 किमी दूर पूर्व मंत्री और विधायक का घर, फिर भी इस गांव में नहीं बनीं सड़क, खाट में मरीजों ले जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

मुंगेली। छत्तीसगढ़ राज्य बने 20 साल हो गए हैं. इन बीस सालों में छत्तीसगढ़ ने ख़ूब तरक़्क़ी की है. इन तरक़्क़ी को दिखाने के लिए हमारे पास नवा रायपुर जैसे कल्पनाशील नव निर्मित राजधानी है. एक ऐसी राजधानी जहां पर लंबी चौड़ी सड़कें है, हालांकि इन सड़कों पर चलने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है. लेकिन छत्तीसगढ़ के गावों जो तस्वीर उभर कर सामने आती है, वह इसके विपरीत है. प्रदेश के मुंगेली ज़िले का ऐसा गांव धरमपूरा है, जहां विकास कोसो दूर है. यहां आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई. जबकि इस गांव से 10 किमी दूर पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक पुन्नूलाल मोहिले रहते हैं. फिर भी गांवों में सड़कें नहीं बन पाई.
धरमपुरी का सड़क कीचड़ से सनी हुई. इस पर गाड़ियों का पहुंचना बहुत आसान नहीं है. उस सड़क में भला कोई एम्बुलेंस कैसे पहुंचे, ग्रामीण मरीजों को खाट पर ले जाने मजबूर है. बेबस परिजन मरीज को खाट पर अस्पताल ले जाने के लिए निकल पड़े.
शायद ऐसी तस्वीरें देश के कई हिस्सों से पहले भी आई है. साथ ही कुछ बरस पहले एक ऐसी ही तस्वीर ओडिशा से आई थी. मांझी परिवार की, तब देश में उस तस्वीर की जमकर चर्चा हुई थी. आज फिर से 1 तस्वीर छत्तीसगढ़ की मुंगेली ज़िले में धर्मपुरा से आई है. आप इन तस्वीरों को देखें और छत्तीसगढ़ में विकास को भी देखिए, जिसमें कहा जाता है कि 15 साल तक एक पार्टी सत्ता में विकास के दम पर ही बनी रही फिर क्यों नहीं बदली धरमपुरा की क़िस्मत, जबकि इस विकास के भागीदार तो धरमपुरा वाले भी रहे हैं. क्योंकि धरमपुर वाले भी तो अपने नेता मोहिले को लगातार चुनकर विधानसभा तक भेजते रहे हैं फिर वो उनकी क़िस्मत क्यों नहीं बदल पाए.