हाथरस गैंगरेप : राहुल गांधी का ऐलान- कोई भी ताकत मुझे हाथरस के परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती


दिल्ली। दिल्ली। हाथरस गैंगरेप पीड़िता की परिजन से मुलाकात करने आज एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हाथरस जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती। मुझे उत्तर प्रदेश सरकार और उनके पुलिस द्वारा किया गया दुर्यव्यवहार स्वीकार नहीं है।
पीड़िता के परिवार वालों से मुलाकात करने से रोके जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सच छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश का प्रशासन दरिंदगी’ पर उतर आया है। उन्होंने ट्वीट किया, उप्र प्रशासन सच छिपाने के लिए दरिंदगी पर उतर चुका है। ना तो हमें, ना मीडिया को पीड़िता के परिवार को मिलने दिया और ना उन्हें बाहर आने दे रहे हैं, ऊपर से परिवारजनों के साथ मार-पीट और बर्बरता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई भी भारतीय ऐसे बर्ताव का समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने एक खबर भी साझा की है जिसके अनुसार, पीड़िता परिवार के परिवार से जुड़े एक बच्चे ने बताया कि पुलिस-प्रशासन परिवार को गांव से बाहर नहीं निकलने दे रहा है। कांग्रेस देश भर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
गौरतलब है कि राहुल, प्रियंका और उनकी पार्टी के करीब 150 कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन के लिए बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा में उस समय कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया गया था, जब वे कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिजनों से मिलने हाथरस जा रहे थे।
गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट आने और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी।
12 गांवों के ब्राम्हणों और ठाकुरों ने आरोपियों का साथ देने देर रात ली बैठक
हाथरस गैंगरेप मामले में सियासत तेज हो गई है। 12 गांवों के ब्राम्हणों और ठाकुरों ने आरोपियों का साथ देने देर रात बैठक ली है। दलित परिवार के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। इस गांव में दलितों के गिने-चुने घर हैं। ठाकुरों और ब्राह्मणों के एक साथ आने के बाद उनके लिए हालात अब और भी मुश्किल हो जाएंगे। बात करने के दौरान युवक बहुत डरा हुआ था कि कहीं गांव में समाज के लोगों को ये ना पता चल जाए कि उसने मीडिया से बात की है।