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सरकारी कंपनियों का होगा निजीकरण! सरकार घोषित करेगी नई नीति

Public sector enterprises will be privatized says Finance Minister Nirmala Sitharaman
Image Source : INDIA TV

नई दिल्ली। आर्थिक सुधारों का बड़ा ऐलान करते हुए केंद्र सरकार ने कुछेक कंपनियों को छोड़ सार्वजनिक क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियों के निजीकरण का फैसला किया है। रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्रों के लिए खोला जा रहा है इसके बावजूद पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज की महत्ता काफी अधिक है इसे बना कर रखा जायेगा, किसी भी सेक्टर में जहां निजी क्षेत्र हो वहां कम से कम एक पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज होगा ही। 

सभी स्ट्रेटजिक सेक्टर में एक पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज रहेगा ही, फिजूल खर्च और प्रशासनिक लागत कम करने के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज कंपनियों को अधिग्रहण या विलय किया जा सकता है। एक से चार एंटरप्राइजेज रहेगा बाकी को आगे समय को देखते हुए इसका निजिकरण भी किया जा सकता है। सरकार के इस फैसले से साफ है कि कुछ रणनीतिक सेक्टर को छोड़ सार्वजनिक क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियों का निजिकरण होगा। 

वित्त मंत्री के मुताबिक एक ही सेक्टर में ज्यादा सरकारी कंपनियों की वजह से होने वाले बेवजह के खर्चों को कम करने के लिए ये फैसला लिया जा रहा है। इसके साथ ही गैर जरूरी सेक्टर में भी सरकारी कंपनियों को काम करना आवश्यक नहीं है। ऐसे में इन सेक्टर की कंपनियों का निजी करण किया जाएगा जिसके लिए समय सीमा बात में तय की जाएगी। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि देश के लिए जरूरी सेक्टर में भी एक सरकारी कंपनी की मौजूदगी पर्याप्त है। सरकार जिस नीति की योजना बना रही है उसके मुताबिक देश के हर सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागेदारी रहेगी हालांकि केवल चुनिंदा सेक्टर में ही सरकारी कंपनियां काम करेंगी।

31 मार्च 2018 की जानकारी के मुताबिक देश में फिलहाल 339 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज है। इनमे से 82 में दी गई तारीख तक व्यवसायिक कारोबार शुरू नहीं हुआ है। बाकी कारोबार कर रही 257 में 179 शेड्यूल CPSE हैं। इन कंपनियों में मेटल, कैमिकल, पेट्रोकैमिकल, एविएशन, फर्टिलाइजर, डिफेंस, स्पेस, इंफ्रास्ट्रक्चर, हैवी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रांसपोर्टेशन, के अलावा लॉजिस्टिक, वन, पर्यावरण, , हेल्थ, फाइनेंस, इंश्योरेंस, टेक्सटाइल, हाउसिंग जैसे सेक्टर से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।     

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