वित्त मंत्री बनते ही मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को बजट में दिए थे 100 करोड़ रुपये


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नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी के नाम पर बने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन के दूतावास से मिले दान की खबर आने के बाद यह फाउंडेशन सुर्खियों में आ चुका है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा गया है कि इस फाउंडेशन को प्रधानमंत्री राहत कोष से भी पैसा दान किया जाता था। अब एक और तथ्य सामने आया है जिसमें पता चला है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी वित्त मंत्री बनने के बाद बजट में राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी।
मनमोहन सिंह 1991 में जब देश के वित्त मंत्री बने तो उन्होंने अपना पहला ऐसा बजट पेश किया था जिससे भारत में उदारवाद की शुरुआत हुई और आर्थिक सुधार तेज हुए। लेकिन उसी बजट में उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की थी और कहा था कि 5 साल में यह पैसा दिया जाएगा और हर साल 20-20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। मनमोहन सिंह के 1991 के बजट भाषण की कॉपी के पैरा नंबर 57 में इसका उल्लेख किया गया है।
तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 1991-1992 का बजट पेश करते वक्त दिया गया भाषण
1991 में देश आर्थिक संकट से तो गुजर ही रहा था साथ में देश में राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया था। एक तरफ फरवरी 1991 में उस समय की चंद्रशेखर सरकार पूर्ण बजट पास नहीं करा पाई थी और दूसरी तरफ 21 मई 1991 को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। इसके बाद देश में फिर से नरसिम्हा राव के नेतृत्व में सरकार बनी और उस सरकार में मनमोहन सिंह को देश का वित्त मंत्री बनाया गया। मनमोहन सिंह ने 24 जुलाई 1991 को बजट पेश किया था।
PMNRF एवं कई मंत्रालयों ने भी दिया फाउंडेशन को डोनेशन
बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि PMNRF का पैसा कांग्रेस एक परिवार के फाउंडेशन में डाइवर्ट कर देती थी और लोगों के साथ धोखा करती थी। इसके अलावा कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के 10 सालों के शासन के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन में कई सरकारी कंपनियों और मंत्रालयों ने दान दिया था। फाउंडेशन को दान देने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों और बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एलआईसी, ऑइल इंडिया लिमिटेड, SAIL, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओएनजीसी, GAIL एवं अन्य कई नाम शामिल हैं। वहीं, मंत्रालयों की बात करें तो पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय समेत अन्य कई मंत्रालयों ने भी इस फाउंडेशन को यूपीए शासन के दौरान दान दिया है।