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विकास दुबे एनकाउंटर की जांच कमेटी के लिए जस्टिस चौहान के नाम पर मुहर, सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने में मांगी रिपोर्ट

Vikas Dubey encounter case hearing in supreme court
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नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर केस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के  पूर्व  न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान को जांच कमेटी का हिस्सा बनने के लिए संपर्क किया गया था जिसपर उन्होंने सहमति दे दी है। उनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। इसके साथ ही पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता को भी जांच टीम का हिस्सा बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जांच कमीशन को एक हफ्ते में गठित करने को कहा है जो जांच एक हफ्ते में शुरू कर दे। अदालत ने कहा कि सचिव स्तर का अधिकारी केन्द्र सरकार मुहैया कराएगी ना की यूपी सराकर। अदालत ने कहा कि आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा और   हर पहलू की गंभीरता से जांच करेगा।

बता दें कि इससे पहले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से एडवोकेट तुषार मेहता ने मुठभेड़ को सही बताया था। हालांकि कोर्ट की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार है और इसके लिए ट्रायल होना चाहिए था। 

साथ ही कोर्ट ने कहा था कि जांच कमेटी में पूर्व जज और एक पुलिस अधिकारी हमारे होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमत हो गई थी।

गौरतलब है कि बीते 10 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। दुबे के एनकाउंटर पर कई सवाल उठे थे। इस बीच दो वकीलों ने पुलिसिया एनकाउंटर की सीबीआई और एनआईए से जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल किया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक हलफानामा पेश किया था जिसमें कहा गया था कि विकास दुबे का एनकाउंटर फर्जी नहीं था।

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