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वायुसेना इस खतरनाक बम का अडवांस वर्जन खरीदने की बना रही योजना, बालाकोट एयर स्ट्राइक में मचाई थी तबाही

Indian Air Force plans to buy SPICE-2000 bombs 
Image Source : ANI

नई दिल्ली। जमीनी ठिकानों पर मार करने की अपनी क्षमता को और मजबूत करने के लिए भारत भारी मात्रा में घातक स्पाइस-2000 बमों को खरीदने की योजना बना रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जो बम भारत खरीदने की तैयारी कर रहा है वह स्पाइस-2000 का अडवांस वर्जन होगा, जो क्षण भर में आसमान से जमीन पर आकर लक्ष्य को तबाह करने में सक्षम और बेहद शक्तिशाली है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना इमर्जेंसी फाइनैंशल पावर्स का इस्तेमाल करते हुए स्पाइस-2000 बमों के अडवांस वर्जन को खरीदने का प्लान बना रही है।

बता दें कि स्पाइस-2000 वही बम है जिसका इस्तेमाल भारतीय वायु सेना (IAF) ने पिछले साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट शहर में स्थित आतंकी कैंप पर मिराज-2000 से किए गए हमले में किया था। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही स्पाइस -2000 बम हैं। अब यह स्पाइस-2000 बमों जैसे आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत अधिक स्टैंड-ऑफ हथियार हासिल करने की योजना है। सूत्रों ने बताया कि, स्पाइस-2000 बम 70 किलोमीटर तक के लक्ष्य को मार सकता है। वायु सेना के पास बंकर और इमारत नष्ट करने वाला स्पाइस-2000 वर्जन होगा, जिसमें मार्क 84 वॉरहेड होंगे, जो कि लक्ष्य किए गए इमारतों को नष्ट कर देगा।

सेना के तीनों अंगों को आपात वित्तीय शक्तियां

आपातकालीन शक्तियों के तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा बलों को वित्तीय शक्ति प्रदान की है। जिसके तहत वे 500 करोड़ के तक के किसी भी हथियार प्रणाली को खरीद सकते हैं। भारतीय सेना को इस तरह के फंड देना का मुख्य मकसद किसी भी चुनौती के मुकाबले के लिए शॉर्ट नोटिस पर खुद को तैयार करना है। इस्राइल द्वारा विकसित स्पाइस-2000 भारतीय वायुसेना का पारंपरिक बम है जिसका प्रयोग फ्रांसीसी मूल के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में किया जाता है। स्पाइस (SPICE) का मतलब Smart, Precise Impact, Cost Effective (स्मार्ट, सटीक प्रभाव, लागत प्रभावी) है। यह बम किसी भी प्रकार के बंकर या घर को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके द्वारा सबसे सुरक्षित ठिकाने को भी नेस्तनाबूत किया जा सकता है।

जानिए SPICE-2000 बम से जुड़ी खास बातें

SPICE-2000 बम नहीं है, बल्कि एक ‘गाइडेंस किट’ है, जो एक स्टैंडर्ड वॉरहेड या बम से जुड़ी होती है। यह बम लंबी दूरी के लक्ष्यों को सटीकता से साधने में सक्षम है। लेजर गाइडेड होने के कारण इस बम को लक्ष्य से काफी दूर होने पर भी दागा जा सकता है। राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित इस बम का प्रयोग भारत, इस्राइल के साथ कई देशों की वायुसेना करती है। लक्ष्य की गति पर यह बम खुद ही अपने पथ को बदलने में सक्षम है।

इस स्मार्ट बम के शीर्ष पर एक कैमरा लगा होता है जो लक्ष्य को साधने में मदद करता है। स्पाइस 2000 बम दो वर्जन में आता है। एक में 1000 किलोग्राम का वारहेड होता है जबकि दूसरे में 500 किलोग्राम का। इस बम में एक चिप के माध्यम से लक्ष्य से संबंधित डाटा को लोड किया जाता है। जिसके बाद बम को लडाकू विमान में फिट कर दिया जाता है।

बता दें कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। फिर से टकराव होने की आशंका के बीच रक्षा मंत्री ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना को पहले ही यह निर्देश दिया है कि वे एलएसी पर अपनी अभियान तैयारियों को बढ़ाएं।

(इनपुट-ANI)

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