BIG NewsTrending News

लद्दाख में कुछ पीछे हटे चीनी सैनिक, 6 जून को होगी भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल बातचीत

Ladakh 
Image Source : AP

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएएसी) के भीतर घुसपैठ के चलते पूर्वी लद्दाख में फिलहाल तनाव की स्थिति जारी है। इस बीच खबर मिली है कि चीन और भारत के बीच कमांडर लेवल की बातचीत को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक दोनों सेनाओं के अधिकारी 6 जून को बातचीत कर सकते हैं। बातचीत से पहले चीनी सेना ने नरमी के संकेत ​भी दिए हैं। खबर है कि चाइनीज़ PLA के जवान क़रीबन 100 मीटर अपनी लोकेशन से पैंगोंग की तरफ़ पीछे गए हैं। 

बता दें कि  दोनों पक्षों के बीच पहले ही 10 से अधिक दौर की वार्ता हो चुकी है।दोनों देशों की सेनाओं ने इस संकट के समाधान के लिए मंगलवार( 2 जून) को भी बातचीत की थी। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका था। अब लद्दाख में चल रहे विवाद को संबोधित करने के लिए 6 जून भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता आयोजित होगी। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि लेह स्थित 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह इस मामले को सुलझाने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत करने वाले हैं। 

राजनाथ सिंह बोले बड़ी संख्या में हैं चीनी सैनिक

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक इंटरव्यू के हवाले से बताया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माना है कि चीन के सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद हो गए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा है, ‘फिलहाल की जो घटना है, ये बात सच है कि सीमा पर इस समय चीन के लोग भी हैं, उनका दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है, भारत का ये दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है।’ राजनाथ सिंह ने दोनों ओर के दावे पर कहा, ‘उसको लेकर एक मतभेद हुआ है और अच्छी खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गये हैं। लेकिन भारत को भी अपनी तरफ से जो कुछ भी करना चाहिये, भारत ने भी किया है।’ गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अब तक लद्दाख के सीमाई क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरें तो आ रही थीं मगर अब सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि जिस हिस्से पर चीन और भारत दोनों अपने दावे करते हैं वहां चीन के सैनिक बड़ी संख्या में पहुंच गये हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page