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लड़ाकू विमानों, टैंकों और युद्धपोटों को तैयार करने में जुटा भारत! रूस से रक्षा मंत्री करेंगे उपकरणों की बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Image Source : PTI

नई दिल्ली: सीमा मुद्दे को लेकर चीन के साथ तनाव बढ़ गया है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस से अनुरोध करेंगे कि वह भारत के लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और युद्धक टैंकों के लिए पुर्जों और उपकरणों की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से करे और समुद्र मार्ग के बजाय हवाई मार्ग से करे। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना हो गए हैं। 

इस दौरान वह रूस के उच्च सैन्य अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे और द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य सैन्य परेड में शामिल होंगे। इसके अलावा माना जा रहा है कि वह रूस को भारत-चीन के बीच पैदा हुए हालातों के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं। 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री रूस निर्मित भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों Su-30MKIs और MiG-29s और भारतीय नौसेना के MiG29Ks, T-90 युद्धक टैंक और अन्य युद्धपोतों के साथ-साथ नौसेना के पनडुब्बियों के पुर्जों और उपकरणों की आपूर्ति का मुद्दा भी उठाएंगे।

 
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चार महीने तक यात्रा पर लगे प्रतिबंध के बाद किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है। रक्षा मंत्री की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध बरकरार है। 

मास्को रवाना होने से पहले सिंह ने ट्वीट किया, “तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को रवाना हो रहा हूं। यह यात्रा भारत-रूस रक्षा और सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए बातचीत का अवसर देगी। मुझे मास्को में 75वीं विजय दिवस परेड में भी शामिल होना है।” 

अधिकारियों ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव होने के बावजूद सिंह ने रूस की यात्रा स्थगित नहीं की क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री रूस के उच्च अधिकारियों के साथ दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर कई बैठकें करेंगे। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के तीनो अंगों का सम्मिलित 75 सदस्यीय एक दस्ता परेड में हिस्सा लेने पहले ही मास्को पहुंच चुका है। 

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