राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा इसलिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है


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कोरोना संकट के दौर में मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर हमला बोला है। राहुल गांधी एक इस साल फरवरी से लेकर जुलाई तक की एक टाइमलाइन पेश करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सरकार पर तंज कसते हुए राहुल ने पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर’ भारत के नारे को भी अलग ढंग से परिभाषित किया है। बता दें कि राहुल गांधी लॉकडाउन के समय से ही सरकार की आर्थिक और विदेश नीतियों पर वीडियो और ट्वीट के माध्यम से हमला बोलते रहे हैं।
राहुल ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं। राहुल ने लिखा है कि फरवरी- नमस्ते ट्रंप, मार्च- MP में सरकार गिराई, अप्रैल- मोमबत्ती जलवाई, मई- सरकार की 6वीं सालगिरह, जून- बिहार में वर्चुअल रैली, जुलाई- राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश। राहुल इस ट्वीट के आखिर में लिखते हैं कि इसी लिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है।
कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां:
● फरवरी- नमस्ते ट्रंप
● मार्च- MP में सरकार गिराई
● अप्रैल- मोमबत्ती जलवाई
● मई- सरकार की 6वीं सालगिरह
● जून- बिहार में वर्चुअल रैली
● जुलाई- राजस्थान सरकार गिराने की कोशिशइसी लिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 21, 2020
छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं मोदी
इससे पहले सोमवार को भी राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि चीन संकट के बीच वे अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए उनकी 56 इंच वाली छवि पर हमला कर रहा है और प्रधानमंत्री भी दबाव में आकर अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट करेंगे कि उन्हें अपनी छवि की चिंता नहीं है और वह चीनी चुनौती को स्वीकार करते हैं? राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर चीन के साथ मौजूदा गतिरोध को लेकर कहा, ‘‘यह साधारण सीमा विवाद नहीं। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। सवाल यह है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? चीनी बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाते।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘चाहे यह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पेंगोंग झील, उनका इरादा अपनी स्थिति को मजबूत करना है। वो हमारी सड़क से परेशान हैं, वो हमारे राजमार्ग को निरर्थक करना चाहते हैं। वो पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में कुछ करने की सोच रहे हैं।’’ उनके मुताबिक, यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है, बल्कि यह सुनियोजित सीमा विवाद है, जिसका मकसद भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना है।