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राम लला के कपड़ों की सिलाई करके परदादा के जमाने से चली आ रही परंपरा निभाएंगे भागवत प्रसाद और शंकर लाल

Tailors Bhagwat Prasad and Shankar Lal are preparing the clothes with which ‘Ram Lalla’ will be covered with on 5th August
Image Source : ANI

अयोध्या। आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसके पहले अयोध्या में तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद जाकर जायजा लिया और संतों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। आप भी जानिए कि आखिर वर्षों से रामलला की पोशाक कौन सिलता चला आ रहा है। दरअसल, 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद राम लला को जो वस्त्र पहनाए जाएंगे उसे टेलर भागवत प्रसाद और शंकर लाल सिल रहे हैं। शंकर लाल का कहना है कि यह उनकी चौथी पीढ़ी है जो भगवान राम की प्रतिमा के लिए कपड़े बना रही है। टेलर भागवत प्रसाद का कहना है कि, ‘प्रधानमंत्री बहुत ही शुभ दिन अयोध्या आ रहे हैं। यह दिन इतने लंबे इंतजार के बाद आया है। हमारे जन्म से पहले ही मंदिर के लिए संघर्ष शुरू हो गया था।’

बताया जाता है कि भागवत प्रसाद और शंकर लाल कई वर्षों से अयोध्या में रामलला के साथ-साथ प्रतिष्ठित अन्य विग्रहों के वस्त्र सिलते चले आ रहे हैं। भागवत प्रसाद और शंकर लाल की अयोध्या के बड़ी कुटिया इलाके में श्री बाबू लाल टेलर्स नाम से आठ बाई छह फुट की दुकान है। यह दर्जी स्व. बाबू लाल का निवास स्थान भी है, जो अयोध्या के मंदिरों में निवास करने वाले राम लला और अन्य देवताओं के कपड़े सिलते थे। हालांकि बाबू लाल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे, भगवत प्रसाद और शंकर लाल उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसपर उन्हें गर्व है। शंकर लाल और उनके बड़े भाई भागवत प्रसाद दोनों ही इसे ‘भगवान राम का आशीर्वाद मानते हैं क्योंकि वे छोटे से कमरे में देवताओं और पवित्र पुरुषों के लिए विशेष रूप से कपड़े सिलाई करके कमाई करते हैं। उनकी दुकान देवी-देवताओं के चित्रों और पोस्टरों से सजी हुई है। 

दर्जी व्यवसाय में शंकर लाल और भागवत प्रसाद की यह चौथी पीढ़ी है। दोनों भाइयों को याद है कि कैसे उनके पिता बाबू लाल राम लला के कपड़े सिलने के लिए सिलाई मशीन को रामजन्मभूमि परिसर में ले जाते थे। दिलचस्प बात यह है कि राम लला के सटीक माप की जानकारी केवल इसी परिवार को है जो दशकों से रामलला और अन्य विग्रह के लिए कपड़े बना रहे हैं।

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