राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का समय शुभ या अशुभ? जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज से जानें


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नई दिल्ली/लखनऊ। राम मंदिर भूमि पूजन के समय को लेकर संतों में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने आज गुरुवार को कहा कि वो (शंकराचार्य) कह रहे हैं कि मुहूर्त शुभ नहीं है। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि 5अगस्त को प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि का पूजन करेंगे। उस समय अभिजीत मुहूर्त/सर्वार्थ सिद्धि योग होगा। कांग्रेस से प्रभावित होकर वो ऐसा बयान दे रहे हैं।
बता दें कि, ज्योतिषपीठाधीश्वर और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इससे पहले कहा था कि ‘ये चाह नहीं है कि हमें कोई ट्रस्टी या पदाधिकारी बनाया जाए। हम तो राम भक्त हैं। राम मंदिर कोई भी बनाता है सही ढंग से बनाता है तो हमें प्रसन्नता होगी पर ये सब उचित तिथि और उचित मुहुर्त में होना चाहिए। जिस मुहुर्त में ये हो रहा है ये अशुभ घड़ी है।’
वो(शंकराचार्य)कह रहे हैं कि मुहूर्त शुभ नहीं है। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि 5अगस्त को प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि का पूजन करेंगे। उस समय अभिजीत मुहूर्त/सर्वार्थ सिद्धि योग होगा। कांग्रेस से प्रभावित होकर वो ऐसा बयान दे रहे हैं: जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज, अयोध्या #यूपी https://t.co/8hdkCJCFuv pic.twitter.com/yhaqNwwvYY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2020
आपको बता दें कि, 5 अगस्त को भूमिपूजन किया जाएगा और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली ईंट रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। हालांकि, राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा। जिसको उत्तर के साथ दक्षिण भारत के पंडित संपन्न कराएंगे। पांच अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकंड के ठीक बाद के 32 सेकेंड अहम होंगे। इन्हीं 32 सेकेंड के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखेंगे। श्रीरामजन्म भूमि मंदिर के नींव पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच अगस्त को सिर्फ 32 सेकंड का समय दिया जाएगा। भगवान श्रीराम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। इसी कारण नींव पूजन भी अभिजीत मुहूर्त में ही होगा। यह शुभ मुहूर्त ज्योतिष शास्त्र में उत्तर-दक्षिण के संगम से निकला है। वहीं विद्वानों के अनुसार “चातुर्मास” में शुभ समय का कोई संयोग नहीं है। सोशल मीडिया पर भी कई ज्योतिषियों ने विभिन्न पंचांगों का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति जताई है। श्रीरामजन्म भूमि मंदिर के नींव पूजन में चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है।