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राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस में फिर रिसॉर्ट राजनीति, अपने सभी विधायकों को गुजरात से भेज रही राजस्थान

Gujarat Congress
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अहमदाबाद। एक हफ्ते के अंदर अपने तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद गुजरात कांग्रेस ने सोमवार को अपने सभी विधायकों को पार्टी शासित राजस्थान में आबू रोड स्थित एक रिसॉर्ट में भेजने का फैसला किया है। पार्टी का आरोप है कि 19 जून को राज्यसभा की चार सीटों के लिये होने वाले चुनाव से पहले भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुटी है। पार्टी के एक सूत्र ने सोमवार को कहा कि 20 से ज्यादा विधायक रिसॉर्ट में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी पार्टी विधायकों को राजस्थान के सिरोही जिले में आबू रोड स्थित एक ही रिसॉर्ट में पहुंचाया जा रहा है, जो बनासकांठा जिले में गुजरात सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। पिछले हफ्ते गुजरात में तीन कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिससे 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेसी सदस्यों की संख्या घटकर 65 रह गई। 

खरीद-फरोख्त के डर से पार्टी ने बीते कुछ दिनों में अपने विधायकों को जोन-वार समूहों में बांटते हुए प्रदेश के विभिन्न रिसॉर्ट में ठहरा रखा था। विपक्षी दल अब अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए अपने सभी विधायकों को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट आबू के निकट स्थित आबू रोड के एक रिसॉर्ट में भेज रहा है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी शासित राजस्थान में विधायकों को पहुंचाने से पार्टी को महत्वपूर्ण राज्यसभा चुनाव के लिये अपनी रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी जिसके लिये उसने दो उम्मीदवारों को खड़ा किया है। 

एक सूत्र ने कहा, “पार्टी ने सभी विधायकों को एक ही जगह, सिरोही के रिसॉर्ट में भेजने का फैसला किया गया है, जहां वे 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के पहले तक ठहरेंगे। कुछ विधायक रिसॉर्ट पहुंच गए हैं जबकि बाकी विधायक सोमवार शाम तक पहुंच जाएंगे।” कांग्रेस ने रविवार की रात अपने 20 से ज्यादा विधायकों को पड़ोसी राज्य के एक रिसॉर्ट में भेज दिया था। इनमें ज्यादातर उत्तरी गुजरात क्षेत्र से आने वाले विधायक हैं। कांग्रेस ने राज्य में 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले भी अपने अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट पहुंचाया था, जब उसके पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। ये चुनाव हालांकि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से स्थगित हो गए थे। 

कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह जन प्रतिनिधियों को “धमकाने और खरीद-फरोख्त” के लिये सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा ने खरीद-फरोख्त के आरोपों को खारिज किया है। पुलिस ने रविवार को राजकोट के एक रिसॉर्ट के खिलाफ बंद के नियमों का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज किया, जहां कांग्रेस के कुछ विधायक रुके हुए थे। पुलिस ने राजकोट में नीलसिटी रिसॉर्ट के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ भादंसं की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया। यह मामला लॉकडाउन की अधिसूचना के उल्लंघन में कांग्रेस विधायकों के लिये रिसॉर्ट खोलने पर दर्ज किया गया। 

राज्य में सोमवार (आठ जून) तक होटल, रेस्तरां को खोलने की इजाजत नहीं थी। पिछले हफ्ते तीन कांग्रेसी विधायकों- अक्षय पटेल, जीतू चौधरी और बृजेश मेरजा – ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले पांच कांग्रेसी विधायक- प्रवीन मारु, प्रद्युम्नसिंह जडेजा, सोमन पटेल, जेवी काकीडिया और मंगल गावित- मार्च में इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा में भाजपा के 103 विधायक हैं और उसने राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव के लिये अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन को उम्मीदवार बनाया है। विधायकों की संख्या घटकर 65 हो जाने से कांग्रेस के लिये राज्यसभा की दो सीटें जीतना मुश्किल हो सकता है, जिसके लिये उसने भरतसिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल को उम्मीदवार बनाया है। 

कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि गोहिल के बाद सोलंकी दूसरी वरीयता पर होंगे और वे पार्टी के निर्देश पर मतदान करेंगे। भाजपा और कांग्रेस के अलावा 182 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक हैं। इसके अलावा राकांपा का एक विधायक तथा निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं। विधानसभा की प्रभावी क्षमता फिलहाल 172 है क्योंकि 10 सीटें फिलहाल रिक्त हैं- दो सीटें अदालती मामलों की वजह से जबकि अन्य इस्तीफों की वजह से।

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