राजस्थान में राजभवन का घेराव नहीं करेगी कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने किया ट्वीट


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जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस राजभवन का घेराव नहीं करेगी। गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘कल Save Democracy-Save Constitution अभियान के तहत कांग्रेसी देश की सभी राज्यों में राजभवन के सामने प्रदर्शन करेंगे लेकिन हम राजस्थान में ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे। हमने महामहिम को कैनिनेट का रिवाइज्ड नोट भेज दिया है और उम्मीदर करते हैं कि वे जल्द सत्र आदूत करने की स्वीकृति देंगे।’
Congress party will stage protest outside all Raj Bhawans in the country tomorrow but we won’t do that in Rajasthan. We’ve sent Cabinet’s revised note to Governor&hope he’ll soon give his approval for convening Assembly Session:Govind S Dotasra, Rajasthan Congress Chief(file pic) pic.twitter.com/ctptfmQ89Z
— ANI (@ANI) July 26, 2020
बता दें कि कांग्रेस पार्टी सोमवार (27 जुलाई) को Save Democracy-Save Constitution अभियान के तहत देश के सभी राज्यों में राजभवन के सामने प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस पार्टी देश के तमाम राज्यों में राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन करेगी। हालांकि राज्यस्थान में सियासी खींचतान को लेकर कल यानी 27 जुलाई को कांग्रेस प्रदर्शन नहीं करेगी।
विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर राजस्थान में सियायी घमासान जारी
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच राजस्थान विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए अशोक गहलोत मंत्रिमंडल ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को संशोधित प्रस्ताव भेजा। वहीं राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि ‘राज्यों में चुनी हुई सरकारों को गिराने का जो षड्यंत्र भाजपा कर रही है,’ कांग्रेस पार्टी के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि हम राजभवनों के सामने प्रदर्शन करें।
शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘केन्द्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीबीआई, आयकर विभाग को हथियार बनाकर सरकार को गिराने की साजिश कर रही है, यह इस देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश नहीं तो क्या है। एक-एक करके संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग करना।’ उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 174 में साफ लिखा है कि मंत्रिपरिषद सदन आहूत करने के लिये यदि राज्यपाल को लिखकर देता है तो उसको बिना विलंब सदन बुलाना ही पड़ता है और सदन में कार्य के लिये कार्य सलाहकार समिति बनी हुई है, जिसके अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होते हैं और उसमें सभी पार्टियों के लोग होते हैं और वह तय करती है कि किन मुद्दों पर सदन में चर्चा होगी।
इधर एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने सचिन पायलट के साथ सभी नाराज विधायकों के घर जाकर उनके परिजनों को लाल गुलाब देकर वापस आने कि अपील की है। मानसरोवर में एक नाराज विधायक के घर पर उनके परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने कहा, ‘एनएसयूआई प्रदेश कांग्रेस पार्टी के नाराज विधायकों के घर गुलाब के फूल लेकर गांधीवादी तरीके से उनसे यह विनम्र विनती करने पहुंची है कि आपलोग ऐसे समय अपने घर में रहकर अपनी पार्टी को मजबूत करें। देश के लोकतंत्र को मजबूत करेंगे तो आने वाली पीढियां आपसे एक अच्छा उदाहरण सीखेंगी।’
गौरतलब है कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के बागी हो जाने के बाद से राजस्थान में सियासी संकट जारी है। कांग्रेस, बीजेपी पर विधायकों के खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है। वहीं बीजेपी ने कहा कि ये कांग्रेस के अंदरूनी कलह का नतीजा है। सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने को लेकर कांग्रेस की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पायलट कैम्प को भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर हाई कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था। मामले की सुनवाई अब सोमवार (27 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में होगी।