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पोषण पुर्नवास केन्द्र बना कुपोषित शिवानी नरेटी के लिए वरदान

Rदूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र कुपोषित बच्चो के लिए वरदान साबित हो रहे हैं, कुपोषित बच्चो को इन केन्द्रों में नया जीवन मिल रहा है। उत्तर बस्तर कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा के पोषण पुनर्वास केन्द्र में की गई देखरेख और संतुलित एवं पौष्टिक आहार से धुर नक्सल प्रभावित ग्राम हेतल की कुपोषित बालिका शिवानी नरेटी अब स्वस्थ्य हो चुकी हैं, उन्होंने मात्र 15 दिवस में अपना वजन बढ़ाकर कुपोषण को मात दे दी है।

जन्म के समय शिवानी का वजन 2.80 किलोग्राम था। समय के साथ-साथ उसका वजन कम होते गया। पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती के समय उनका वजन मात्र 5.90किलो ग्राम था तथा भर्ती के बाद समुचित देखरेख, ईलाज और खानपान से शिवानी का वजन 15 दिन मे बढ़कर 6.84 किलोग्राम हो गया। पोषण पुर्नवास केन्द्र में इस बालिका को मितानिन के द्वारा लाया जाकर भर्ती कराया गया और फीडिंग डेमोस्टेªटर सुश्री प्रमिता के द्वारा अपनी निगरानी में रखा गया और प्रतिदिन उसका वजन लिया गया। इन 15 दिनों में प्रत्येक दिन बालिका के माता को सलाह दिया गया और खान-पान से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान बालिका की मां को घर में उपलब्ध खाद्य पदार्थो से रूचिकर भोजन तैयार करना भी बताया गया जिससे बच्चों में खाने के प्रति रूचि बढ़े।
शिवानी नरेटी के स्वस्थ्य होकर घर वापसी के समय उसकी माता को प्रतिदिन 150 रूपये प्रोत्साहन राशि के हिसाब से 2 हजार 250 रूपये प्रदान किये गये। अपनी बच्ची के स्वस्थ्य होने एवं किसी प्रकार से भी आर्थिक नुकसान नहीं होने पर खुशी का इजहार करते हुए शिवानी नरेटी की माता ने छत्तीसगढ़ सरकार धन्यवाद दिया और अन्य कुपोषित बालक-बालिकाओं को भी पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराकर अपने बच्चो को सुपोषित करने की अपील की है।

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