BIG NewsINDIATrending News

पूर्व IAF चीफ का बड़ा बयान, कहा-नहीं चाहता था कि Rafale सौदा भी बोफोर्स की राह पर जाए

Defended Rafale Deal To Stop It Go Bofors Way: Former IAF Chief BS Dhanoa
Image Source : PTI

नयी दिल्ली: भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल लड़ाकू विमानों के भारत की धरती पर उतरने का स्वागत किया। साथ ही कहा कि उन्होंने राजनीतिक विवाद के बावजूद इसके खरीद के सौदे का बचाव इसलिए किया था कि वह नहीं चाहते थे कि इसका हाल भी बोफोर्स जैसा हो जाए। 1980 के दशक में बोफोर्स तोप खरीदने के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी और इसके बाद राजनीतिक असर के चलते रक्षा खरीद पर काफी प्रभाव पड़ा और नौकरशाह सैन्य खरीद पर निर्णय लेते हुए आशंकित रहते थे। 

एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) धनोआ ने कहा, “मैंने सौदे का बचाव इसलिए किया था कि मैं नहीं चाहता था कि यह बोफोर्स के रास्ते पर जाए। हम रक्षा खरीद प्रक्रिया के राजनीतिकरण के खिलाफ थे। यह वायुसेना की क्षमता सवाल था।” 

राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इसके करीब चार साल बाद भारत को बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले। 

धनोआ ने कहा, “मैं भारतीय वायुसेना के लिए काफी खुश हूं, क्योंकि इसने (राफेल) वायु सेना को हमारे विरोधियों पर जबर्दस्त बढ़त दी है।” धनोआ के बाद पिछले साल सितंबर में वायुसेना की कमान राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने संभाली है। 

एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप साहा ने कहा कि राफेल के बेड़े में शामिल होने से वायुसेना की क्षमता बढ़ेगी, लेकिन देश को कम से कम 126 राफेल विमानों की जरूरत है, जिसकी कल्पना पहले की गई थी। उनके कार्यकाल में यह सौदा हुआ था। 

साहा ने कहा, “यह एक अच्छा विमान है। यह इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ (विमानों) में से एक है। यह हवाई क्षेत्र में शक्ति के मामले में वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने जा रहा है।” उन्होंने कहा, “हमें इसी तरह के कम से कम 126 विमानों की जरूरत है।” 

अन्य पूर्व वायु सेना प्रमुख फली होमी मेजर ने कहा कि 36 राफेल विमान भारत की हवाई ताकत को बढ़ाएंगे, लेकिन कम से कम दो और स्क्वाड्रन होने से देश की वायु प्रभुत्व क्षमता काफी मजबूत होगी।

बता दें कि राफेल लड़ाकू विमानों के भारत की धरती पर उतरते हीं इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसका स्वागत करने के साथ ही विमान की कीमत और खरीद में विलंब पर सवाल उठाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमानों की पहली खेप के भारत आने पर वायुसेना को बधाई दी लेकिन सवाल किया कि एक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये की बजाय 1,670 करोड़ रुपये क्यों अदा की गई?

उन्होंने यह सवाल भी किया कि 126 विमानों की जगह 36 विमान ही क्यों खरीदे गए और 30 हजार करोड़ रुपये का ऑफसेट ठेका हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बजाय दिवालिया हो चुके एक उद्योगपति को क्यों दिया गया?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में उन जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के 59 हजार करोड़ रुपये के सौदे की जांच का आग्रह किया गया था। न्यायालय ने मामले में सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page