Uncategorized

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की उड़ी अफवाह, बेटे अभिजीत बोले- “मेरे पिता जिंदा है”

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की उड़ी अफवाह, बेटे अभिजीत बोले- “मेरे पिता जिंदा है”
Image Source : PTI

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की अफवाह उड़ रही है। हालांकि, यह झूठ है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट कर इस अफवाह को झूठ बताया है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट में लिखा, “मेरे पिता के बारे में अफवाह गलत है। खासतौर पर मीडिया से अनुरोध है कि मुझे फोन न करें क्योंकि अस्पताल से आने वाले जानकारियों के लिए मुझे मेरे फोन को फ्री रखना है।”

शर्मिष्ठा मुखर्जी के अलावा उनके भाई और प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा, “मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी अभी जिंदा हैं और हीमोडायनेमिकली स्टेबल हैं।” बता दें कि 84 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सोमवार को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां मस्तिष्क की सर्जरी से पहले उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

प्रणब मुखर्जी के बारे में

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें साल 2019 में भारत रत्न से सम्मानिक किया गया था। वह साल 2012 से साल 2017 तक देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 13वें राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल 24 जुलाई 2017 को पूरा हो गया था। अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को बाखूबी अंजाम दिया। 

प्रणब मुखर्जी कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों का हिस्सा थे। प्रणब मुखर्जी देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिन्हें न केवल पक्ष बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं से भी सम्मान मिला। प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में हुआ था। 

उन्होंने वीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए और एलएलबी की डिग्री ली। प्रणब मुखर्जी ने कुछ समय के लिए पत्रकारिता भी की। 1969 में अजय मुखर्जी की अध्यक्षता वाली बांग्ला कांग्रेस में शामिल हुए तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद प्रणब दा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

जुलाई 1969 में प्रणब मुखर्जी पहली बार राज्य सभा में चुनकर आए थे उसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्य सभा के लिए चुने गए। वह 1980 से 1985 तक राज्य में सदन के नेता भी रहे। फरवरी 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने थे। 1996 से लेकर 2004 तक केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार रही। 2004 में यूपीए की सत्ता में वापसी हुई तब प्रणब मुखर्जी केंद्रीय मंत्री बने। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page