पीएचक्यू से बिलासपुर के टीआई के तबादले को लेकर नाराज हुए डीजीपी…स्थानांतरण के बाद भी रिलीव न करना गंभीर अनुशासनहीनता,जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: डीजीपी अवस्थी


रायपुर– छत्तीसगढ़ में पुलिस मुख्यालय के आदेश का वजन कमजोर होता जा रहा है। एक-दो मौके नहीं, बल्कि दर्जनों बार यह देखने को मिला है कि पीएचक्यू से थानेदार और डीएसपी स्तर के अधिकारियों का तबादला हुआ, लेकिन राजनीतिक दबाव में अधिकारी को रिलीव नहीं किया गया।
राजनांदगांव एसपी जितेंद्र शुक्ला से सरकार की नाराजगी सिर्फ इस बात को लेकर थी कि उन्होंने एक रसूखदार नेता के कहने पर थानेदार का तबादला नहीं किया। ताजा मामला बेहद गंभीर है, जिसमें डीजीपी डीएम अवस्थी ने बिलासपुर के एक थानेदार का सिंगल आर्डर में तबादला किया। यह तबादला डीजीपी ने शिकायतों के आधार पर किया, लेकिन अब तक थानेदार को रिलीव नहीं किया गया।
इससे नाराज होकर डीजीपी ने रविवार को सभी एसपी और इकाई प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि ज्वाइनिंग टाइम बीत जाने के बाद भी जिन पुलिस अधिकारियों ने अब तक ज्वाइन नहीं किया है, उनके खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई कर चार्जशीट सौंपी जाए। डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि शासन एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा जिन पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाए। सभी रेंज आइजी को भी निर्देश दिया कि वे स्वयं स्थानांतरण आदेशों को पालन सुनिश्चित कराएं।
यदि स्थानांतरण के बाद भी अधिकारी को रिलीव नहीं किया जाता है, तो इकाई प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा। स्थानांतरण के बाद भी रिलीव न करना गंभीर अनुशासनहीनता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीजीपी करेंगे समीक्षा, मांगी सूची : मैं खुद ऐसे मामलों की समीक्षा कर रहा हूँ। एडीजी प्रशासन को निर्देश दिया है कि ऐसे अधिकारी जिनका स्थानांतरण हो गया है और उन्होंने अब तक नई जगह पर ज्वाइन नहीं किया या इकाई प्रमुख द्वारा अब तक रिलीव नहीं किया है उनकी लिस्ट बनाकर प्रस्तुत की जाए। ———— डीएम अवस्थी, डीजीपी छत्तीसगढ़