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पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार लाने वाली बेटी ज्योति की मदद के लिए उठे हाथ

Daughter who carried her father on cycle receives help
Image Source : IANS

दरभंगा: अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची ज्योति को अब मदद करने के लिए हाथ उठने लगे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी ने ज्योति को आर्थिक मदद पहुंचाई है। वहीं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर इस बहादुर लड़की को एक लाख रुपये देने का एलान किया है। ज्योति अब इन पैसों से आगे की पढ़ाई करने की बात कह रही है।

ज्योति लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी आठ दिन में तय करके ग्रुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची थी। ज्योति ने रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई। ज्योति के पिता ग्ररुग्राम में ऑटोरिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजाजी के साथ जनवरी में गुरुग्राम गई थी। पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई। इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप पड़ गया।

ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया। ज्योति कहती हैं कि वे रात को किसी पेट्रोल पंप के पास रूक जाती थी और फिर सुबह आगे का सफर प्रारंभ करती थी। रास्ते में किसी प्रकार की कठिनाई के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रास्ते में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई थी।

इधर, शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी द्वारा ज्योति को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। ज्योति जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव जी को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैं इन पैसों का उपयोग आगे की पढ़ाई में करना चाहती हूं।”

वहीं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की निकल पड़ी है अपने घायल पिता को लेकर सैकड़ों मील के सफर पर.. दिल्ली से दरभंगा। आज देश की हर नारी और हम सब उसके साथ हैं। हम उसके साहस का अभिनंदन करते हुए उस तक 1 लाख रु. की मदद पहुंचाएंगे।”

इधर, ज्योति को अब तक डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन और सशस्त्र सीमा बल का दल भी सम्मानित कर चुका है। जिला प्रशासन द्वारा भी ज्योति की प्रशंसा की गई है। इस बीच, मीडिया में आ रही रिपोर्ट के मुताबिक साइकिलिंग फेडरेशन ने भी ज्योति को ट्रायल के लिए चुना है।

इस संबंध में पूछे जाने पर ज्योति कहती हैं कि फेडरेशन वालों का फोन आया था और उन्होंने ट्रायल के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “अगर मौका मिलेगा तो जरूर जाउंगी लेकिन अभी मेरा ध्यान आगे की पढ़ाई करना चाहती हूं। वैसे अभी मैं थकी हुई हूं।” उन्होंने कहा कि वह लॉकडाउन के बाद दिल्ली जाकर ट्रायल देगी। वह पढ़ाई के साथ साइकिलिंग भी करना चाहती है। मौका मिला तो वह साइकिलिंग में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती है।

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