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पाक में आतंकवादियों के लिए पनाहगाह होने संबंधी US रिपोर्ट पर आया गुतारेस का बड़ा बयान

US report on Pakistan terror safe haven: UN chief expects all members to abide by UNSC resolutions
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संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए पनाहगाह होने संबंधी अमेरिकी रिपोर्ट के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उम्मीद जताई है कि सभी सदस्य देश सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों का पालन करेंगे। गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन, ‘‘हम सभी सदस्यों से सैद्धांतिक रूप से उम्मीद करते हैं कि वे प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्ताव या सुरक्षा परिषद के फैसले के तहत अपने दायित्वों का पालन करेंगे।’’

उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्तपोषण और उस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमलों को रोकने के लिये भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों के खिलाफ सीमित कदम उठाए, लेकिन वह अब भी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिये एक पनाहगाह बना हुआ है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान ने आतंकवाद के वित्तपोषण और पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर किये गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के बाद भारत केंद्रित आतंकवादी संगठनों को बड़े पैमाने पर हमले करने से रोकने के लिये 2019 में सीमित कदम उठाए।”

आतंकवाद पर देश की संसदीय-अधिकार प्राप्त समिति की वार्षिक रिपोर्ट 2019 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के वित्त पोषण के तीन अलग मामलों में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को दोषी ठहराने समेत कुछ बाह्य केंद्रित समूहों के खिलाफ कार्रवाई की। मंत्रालय ने कहा, “बहरहाल, क्षेत्र में केंद्रित अन्य आतंकवादी संगठनों के लिये पाकिस्तान पनाहगाह बना हुआ है।”

रिपोर्ट में कहा गया कि वह अफगान तालिबान और संबद्ध हक्कानी नेटवर्क को अपनी जमीन से संचालन की इजाजत देता है जो अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं, इसी तरह वह भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और उससे संबद्ध अग्रिम संगठनों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है।

विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया, “उसने अन्य ज्ञात आतंकवादियों जैसे जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर और 2008 के मुंबई हमलों के ‘प्रोजेक्ट मैनेजर’ साजिद मीर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिनके बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान में खुले घूम रहे हैं।”

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