पंडरिया: खनिज विभाग गहरी नींद पर.. नदी से रेत निकाल रहे हैं जमाखोर.. और बेच रहे हैं उचित मूल्य पर.. विभाग को सुध भी नही

पंडरिया: खनिज विभाग गहरी नींद पर.. नदी से रेत निकाल रहे हैं जमाखोर.. और बेच रहे हैं उचित मूल्य पर.. विभाग को सुध भी नही
AP न्यूज पंडरिया
पंडरिया ब्लाक के सीमाओं से गुजरने वाली प्रसिद्ध हाफ नदी जिसमें बारिशों के दिनों में बाढ़ के साथ रेत लाते हैं। जिसे आसपास के जमाखोरीयो व्यापारियों के द्वारा जमा कर उचित मूल्य पर आसपास के ग्रामों में बेचा करते हैं। अफसोस की बात है कि हाफ नदी पंडरिया से मात्र दो से 3 किलोमीटर ही दूर है लेकिन विभाग के द्वारा अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है और ना ही कार्यवाही किया जा रहा है। गौर करने वाली बात यही है कि ग्राम मंझोली पुल के पास से आए दिन वहां से रेत निकाला जाता है। ट्रैक्टरों में जिसके पास में किसी प्रकार का परमिशन भी नहीं है और ना अधिकारी और सरकार का डर है।
नदी रेत निकालने से समस्या क्या है
नदी से रेत का अत्यधिक निष्कर्षण प्राकृतिक संतुलन के लिये एक बड़ा खतरा है। इससे जलीय पौधे और सूक्ष्मजीवों के साथ-साथ नदी तंत्र की खाद्य श्रृंखला प्रभावित होती है। परिणामस्वरूप जीवों की भोजन आपूर्ति में कमी से इनकी संख्या में कमी आती है और स्थानीय रूप से इनके विलुप्त होने का खतरा पैदा हो जाता है।
रेत निकालने से सबसे बड़ी समस्या यही है कि वहां पानी गर्मियों के दिन में सुख जाती है जिसके कारण ग्रामीणों एवं पशु पेयजल एवं पशु धोने लायक भी नहीं रहता जिससे किसानों एवं ग्रामीणों को अनेकों प्रकार के समस्या उत्पन्न होती है। रेत की वजह से ही पानी की जमाव रहती है लेकिन रेत को तो जमाखोरों के द्वारा निकालकर बेच देते हैं।
विभागीय अधिकारी को इस विषय पर ध्यान देते हुए उचित कायर्वाही करते हुए जुर्माना एवं समझाइश करें। क्योंकि यह आम समस्या नहीं है। क्योंकि अधिकतर किसान नदी के पानी से ही फसलों की सिंचाई करते हैं। उसका मूलरूप से नदी ही सिंचाई का स्रोत है अगर नदी सूख जाए तो किसान किस चीज से सिंचाई कर खेती करेगा।