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धोखाधड़ी से कंपनी चलाने वाली कंपनी पर, पुलिस ने मारा छापा ।

 ठेकेदारी करने वाली कंपनी नीलकंठम सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड और उसके पार्टनर कुंजबिहारी अग्रवाल के बीच दो करोड़ से अधिक की राशि का विवाद सामने आया है. एनएसपीएल के डायरेक्टर अनुज राणा का आरोप है कि पार्टनर ने उनके साथ पहले धोखाधड़ी की, फिर राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी. फिलहाल पुलिस ने धारा 406 एवं 420 का केस दर्ज कर दोनों पक्षों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। 

छत्तीसगढ़ ।कोरबा : पीड़ित पक्ष एनएसपीएल के डायरेक्टर अनुज राणा ने बताया कि हमारी कंपनी द्वारा लैडल क्लिनिंग शॉप ऑपरेशन एवं मेन्टेनेंस, एआरसी रोड एवं पैलेट सुधार कार्य, रिफेक्ट्री मेन्टेनेंस बेक ओवन एवं रॉडिंग शॉप व पॉट रिलायनिंग के लिए ठेका का काम किया जाता है. कुछ साल पहले कुंजबिहारी अग्रवाल ने कंपनी में साझेदार बनते हुए एग्रीमेंट किया और तय हुआ कि 51:49 के अनुपात में कंपनी में पूंजी लगाएंगे और उसी हिसाब से मुनाफा भी बंटेगा लेकिन जैसे-जैसे काम आगे बढ़ा, अग्रवाल ने कोई पूंजी नही लगाई उल्टा वे मुनाफा मांगते चले गए. आरोप है कि एनएसपीएल ने मुनाफा की प्राप्त राशि अपने पास रखकर समझौते का उल्लंघन व धोखाधड़ी किया है लेकिन राणा का कहना है कि जब ठेका हमारी कंपनी के नाम था और अग्रवाल ने कोई पूंजी ही नही लगाई तो मुनाफा किस बात का!

पुलिस सूत्रों के अनुसार कुंजबिहारी को मंत्री जयसिंह अग्रवाल का करीबी माना जाता है. इसी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए बिना पूंजी लगाए वे मुनाफा चाहते हैं जिसे राणा ने देने से इंकार कर दिया जिसके बाद अग्रवाल ने एफआईआर दर्ज करवा दी साथ ही लीगल नोटिस भी भिजवाया है. इसी बीच कंपनी के पास 2 करोड़ 52 लाख 59 हजार 756 रुपये की राशि आई तो अग्रवाल उसमें हिस्सा मांगने लग गए. फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के लिखित करार तथा इनवेस्टमेंट से जुड़े कागजातों की जांच कर रही है।

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