दिल्ली में लगी फटकार, इस्लामाबाद में दिखा असर! रिहा किए गए भारतीय दूतावास के दोनों कर्मचारी


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नई दिल्ली. पाकिस्तान में हिरासत में लिए गए भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप राजदूत को तलब कर इस्लामाबाद में दो भारतीय उच्चायोग कर्मियों की कथित गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था।
The two officials of the Indian High Commission to Pakistan who went missing and were reportedly arrested earlier today, have been released and are back at the Indian mission: Sources pic.twitter.com/n9bFapLoV0
— ANI (@ANI) June 15, 2020
ये दोनों कर्मचारी इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर भारतीय दूतावास के स्टॉफ को लेने गए थे, इनका पीछा ISI के गुर्गों ने किया और इन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह घटना भारत द्वारा दो हफ्ते पहले पाकिस्तानी उच्चायोग के दो कर्मचारियों को जासूसी के आरोप में देश से निकाले जाने के बाद हुई है। इन्हें निकाले जाने के बाद से पाकिस्तानी एजेंसियों ने इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया समेत भारतीय दूतावास के कर्मियों को परेशान करना शुरू कर दिया था।
हालांकि पाकिस्तान ने इनकी गिरफ्तारी को अलग रंग देने की कोशिश की। जियो न्यूज ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों को उद्धृत करते हुए अपनी खबर में कहा कि एक बीएमडब्ल्यू कार ने शहर की एंबेसी रोड पर सुबह करीब आठ बजे एक पैदल यात्री को टक्कर मारी और उसके बाद कार सवार लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की। पैदल यात्री इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खबर में कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों की भारी भीड़ ने कार में सवार दो लोगों को पकड़ लिया और उन्हें इस्लामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया। इसमें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला कि वे दोनों भारतीय उच्चायोग के कर्मी हैं। चैनल ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि “कार को गैर जिम्मेदाराना तरीके से चलाया जा रहा था और तेज गति के कारण वह नियंत्रण से बाहर हो गई। पीड़ित सड़क के किनारे फुटपाथ पर चल रहा था जब कार ने उसे टक्कर मारी।”
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर में दोनों भारतीय अधिकारियों की पहचान सिल्वादेस पॉल और दावामू ब्रहामू के तौर पर की गई है। इसमें कहा गया कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने इस घटना के बारे में विदेश मंत्रालय (एफओ) को जानकारी दी। अब तक पाकिस्तानी अधिकारियों या भारतीय उच्चायोग की तरफ से इस घटना के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।