
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमसे हिंदुत्व को लेकर सवाल किए जाते हैं कि हम महराष्ट्र में मंदिरों को क्यों नहीं खोल रहे हैं। वो कहते हैं कि मेरा हिंदुत्व बाला साहेब के हिंदुत्व से अलग है। आपका हिंदुत्व घंटी और बर्तन बजाने से संबंधित है, हमारा हिंदुत्व वैसा नहीं है।