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झीरम मामले की सुनवाई 29 सितंबर को करेगा सुप्रीम कोर्ट

रायपुर:झीरम मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अब ये जानकारी सामने आई है कि सुप्रीम कोर्ट 29 सितम्बर को मामले की सुनवाई करेगा. बता दें कि इस मामले में जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अतिरिक्त गवाहों की जांच से इनकार किया गया था जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले में अतिरिक्त गवाहों की जांच के लिए विशेष जांच आयोग को निर्देश देने की याचिका खारिज कर दी थी .जानकारी के अनुसार आयोग ने जंगल वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल, कांकेर के निदेशक बी के पंवार को विशेषज्ञ के रूप में अपने साक्ष्य दर्ज करने के लिए बुलाने से साफ इनकार कर दिया था. सिंघवी ने कहना है कि 6 गवाहों की सूची में से किसी की भी आयोग द्वारा जांच नहीं की गई है. आयोग के संदर्भ की अतिरिक्त शर्तें दी गई थीं और इसे सितंबर, 2019 में स्वीकार भी कर लिया गया था. सिंघवी ने कहा कि इन अतिरिक्त शर्तों का क्या हुआ पुराने गवाहों की परीक्षा जारी थी और तथ्य की खोज आयोग ने अतिरिक्त गवाहों की जांच नहीं की। पीठ ने कहा कि तथ्यों पर सिंघवी की दलीलें सही नहीं थीं और उन्होंने कहा, “आपका तर्क कि आयोग ने सितंबर में काम शुरू किया है, सही नहीं है.

आपको बता दें कि नक्सलियों ने 25 मई 2013 को, बस्तर जिले के दरभा इलाके में झेरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह 29 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की पीठ ने भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा कहा गया था कि आयोग ने छह महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही दर्ज करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था और जांच बंद कर दी थी. बस्तर जिले के दरभा इलाके में झेरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बताया कि वह 29 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की पीठ ने भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा कहा गया था कि आयोग ने छह महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही दर्ज करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था और जांच बंद करदी गयी थी.

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