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जुलाई के अंत तक दिल्ली में साढ़े पांच लाख तक पहुंचेंगे Coronavirus के मामले, 80 हजार बेड की जरूरत

प्रतीकात्मक तस्वीर
Image Source : PTI/FILE

नयी दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे आने वाली बड़ी मुसीबत के बारे में चेतावनी देते हुए मंगलवार को कहा कि शहर में जुलाई के अंत तक कोविड-19 के साढ़े पांच लाख मामले हो सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण नहीं है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में जुलाई अंत तक 80,000 बेड की जरूरत पड़ेगी। बैठक की अध्यक्षता उप राज्यपाल अनिल बैजल ने की। वह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के करीब 30 हजार मामले सामने आ चुके हैं। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की पुरानी दर को ध्यान में रखा जाए तो दिल्ली में 12.6 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। बैठक में लगभग सभी भागीदार इस पर सहमत हुए । अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार तक ठीक होने की दर 37.92 प्रतिशत थी। सिसोदिया ने मीडिया से कहा, ‘‘केंद्र के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि दिल्ली में कोविड-19 का सामुदायिक प्रसार नहीं है। इसलिए इस पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है।’’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सामने आ रहे नये मामलों में से करीब आधे में संक्रमण के ‘स्रोत’ का पता नहीं चला है और महामारी विज्ञान के अनुसार सामुदायिक प्रसार वास्तव में संक्रमण का तीसरा चरण होता है यह पूछे जाने पर कि दिल्ली में जहां तक कोरोना वायरस संक्रमण का सवाल है तो क्या यह सामुदायिक स्तर पर फैल चुका है, जैन ने कहा कि इस बारे में घोषणा केंद्र सरकार को करना है । 

उन्होंने कहा, ‘’महामारी विज्ञान के अनुसार सामुदायिक प्रसार वास्तव में संक्रमण का तीसरा चरण होता है । दिल्ली में, नये मामले सामने आ रहे हैं और करीब आधे मामलों में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं है ।’’ सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 15 जून तक संक्रमण के 44,000 मामले हो सकते हैं तथा अस्पतालों में 6,600 बेड की जरूरत पड़ेगी। सिसोदिया ने कहा, ‘‘30 जून तक दिल्ली में संक्रमण के एक लाख तक मामले होंगे और हमें 15,000 बेड की जरूरत पड़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा अनुमान है कि दिल्ली में 15 जुलाई तक 2.15 लाख मामले होंगे और 33,000 बेड की जरूरत पड़ेगी। वहीं, 31 जुलाई तक 5.5 लाख मामले होंगे और दिल्ली को 80,000 बेड की जरूरत पड़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामले दोगुने होने के आधार पर 31 जुलाई तक 5.5 लाख मामले होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आप सरकार जून के अंत तक अस्पतालों में मरीजों की अनुमानित भारी भीड़ को संभालने के लिये सभी प्रयास कर रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि उपराज्यपाल ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है तो हम देश और दिल्ली के लोगों की सेवा करने की कोशिश करेंगे। हम चिकित्सकीय सुविधाएं भी बढ़ाने की कोशिश करेंगे।’’ सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल के आदेश से ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी दिक्कत पैदा हो गयी है। ’’ सिसोदिया ने सोमवार को उप राज्यपाल द्वारा दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में दिल्ली वालों का ही इलाज होने संबंधी आदेश रद्द किये जाने के बाद भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह भगवा पार्टी के दबाव में हैं जो मामले में “गंदी राजनीति” कर रही है। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वालों को भी कोविड-19 महामारी के दौरान बिस्तरों की जरूरत होगी और इसी के मद्देनजर दिल्ली मंत्रिमंडल ने हाल में सरकारी और निजी अस्पतालों में दिल्लीवालों के लिए बिस्तर आरक्षित करने का फैसला लिया था। सिसोदिया ने कहा, ‘‘अगर देशभर से लोग उपचार के लिए दिल्ली आने लगे तो उपराज्यपाल को कोविड-19 के मामलों और दिल्ली में उपलब्ध बेड के बारे में पता नहीं है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में किसी के पास इस बात का जवाब नहीं था कि आने वाले दिनों में मामलों के बढ़ने के साथ पर्याप्त संख्या में बिस्तरों की उपलब्धता कैसे होगी? 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर बेड नहीं होंगे तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अगर पूरे देश से लोग आते रहे तो दिल्ली के अस्पतालों में तीन, चार या दस दिन के भीतर बेड भर जाएंगे।’’ जैन ने दावा किया अधिकतर उड़ानें दिल्ली और मुंबई आ रही थी। दिल्ली में संक्रमण के 30,000 मामले हैं तो मुंबई में 50,000 मामले हैं । उन्होंने कहा, ‘‘हमने केंद्र से दिल्ली में सभी उड़ानों का परिचालन बंद करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने 15 दिन बाद इसे रोका।’’ जैन ने कहा, ‘‘दूसरे राज्यों के लोग भी दिल्ली में रूके हुए थे। उन्हें अपने गृह राज्य में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।’

 

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