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जानिए विकास दुबे ने कैसे लिखी अपनी बॉलीवुड-स्टाइल गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट

Vikas Dubey the main accused in the Kanpur encounter case was arrested in Ujjain on Thursday
Image Source : INDIA TV

नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दुर्दात अपराधी विकास दुबे ने आज मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में बॉलीवुड स्टाइल में सरेंडर कर दिया। दुबे ने महाकाल परिसर में संजय दत्त के खलनायक स्टाइल में ‘मैं हूं विकास दुबे कानपुरवाला’ कहते हुए सरेंडर किया। दुबे लगभग एक हफ्ते से फरार था। पुलिस उसे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में तलाश रही थी। पुलिस ने उसे धर दबोचने के लिए हरियाणा, दिल्ली और भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी थी। कहा जाता है कि कानपुर के रहने वाले दुबे ने सन्नी देओल के ‘अर्जुन पंडित’ से प्रभावित होकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था और वह खुद को पंडित कहलवाना पसंद करता था। विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे गुरुवार (9 जुलाई) सुबह करीब 8 बजे महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचा। उसने सुरक्षाकर्मियों को अपने बारे में बताया और उनसे पुलिस को सूचना देने के लिए कहा। एक वायरल हुए फोटो में, दुबे को मंदिर परिसर के अंदर एक सोफा पर आराम से बैठे देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने आधिकारिक रूप से विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। 

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गैंगस्टर की गिरफ्तारी का क्रेडिट लेने की कोशिश की। मिश्रा ने कहा, “हमारी पुलिस किसी को नहीं छोड़ती। हमारे जांबाज पुलिस जवानों ने उसे धर दबोचा।” मंत्री ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी और इससे जुड़ी जानकारी पुलिस द्वारा बाद में सार्वजनिक की जाएगी। मिश्रा ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को अलर्ट कर दिया था।

कई चैनलों द्वारा दिखाए जा रहे वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि विकास दुबे को जब पुलिस ने पकड़ा तब वह चिल्लाते हुए बताता है कि ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।’ विकास को बुधवार को फरीदाबाद में देखा गया था और वह आज पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने से बचने के लिए उच्च सुरक्षा वाले महाकाल मंदिर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि उसके गैंग के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है।

'Main Vikas Dubey hoon, Kanpur wala' UP gangster, vikas dubey

‘Main Vikas Dubey hoon, Kanpur wala’ UP gangster shouts after arrest

मध्य प्रदेश पुलिस गैंगस्टर को महाकाल पुलिस स्टेशन ले गई और उप्र पुलिस अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर लाना चाह रही है। मंदिर के अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि विकास ने काउंटर पर अपना नाम बताया और डोनेशन के लिए पैसे दिए। उसके बाद उसने पुलिस को सूचित करने के लिए कहा।

यह पूर्वनियोजित सरेंडर था- सेवानिवृत्त डीजीपी

दुबे ने कहीं भी भागने की कोशिश नहीं की और उसके पास कोई हथियार भी नहीं था। एक सेवानिवृत्त डीजीपी ने कहा, “यह पूर्वनियोजित सरेंडर था, क्योंकि यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। विकास ने एक सप्ताह तक तीन राज्यों की पुलिस को चकमा दिया और बिना मास्क के ही मंदिर में खुद की गिरफ्तारी के लिए गया। उसको पता था कि यदि उसने यूपी पुलिस के समक्ष सरेंडर किया तो उसे मार दिया जाएगा।”

इसलिए चुना मंदिर…

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुबे का सरेंडर करना पूरी तरह से पूर्व नियोजित लगता है। उन्होंने कहा, “गैंगस्टर एक सुरक्षित राज्य में खुद को सरेंडर करना चाहता था। वह पुलिस की उपस्थिति की वजह से कोर्ट नहीं जाना चाहता था और इसलिए इसके लिए मंदिर को चुना। जब तक पुलिस कोई दूसरी गलती नहीं करती, विकास दुबे को शाारीरिक रूप से क्षति नहीं पहुंचेगी।”

पुलिस अबतक विकास के 5 साथियों का कर चुकी है एनकाउंटर

दुबे के पांच सहयोगियों को पुलिस ने हालांकि मार गिराने में सफलता प्राप्त की है। घटना के बाद ही उसके दो सहयोगी प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे को मार गिराया गया था। वहीं अमर दुबे को बुधवार को हमीरपुर में और प्रभात व बऊवा दुबे को गुरुवार सुबह क्रमश: कानपुर और इटावा में मार गिराया गया। सभी कथित रूप से शूटआउट में शामिल थे।

दुबे की मध्य प्रदेश से गिरफ्तारी यूपी स्पेशल टास्क फोर्स के लिए एक चिंताजनक बात है। एसटीएफ बुधवार तक दावा कर रही थी कि दुबे दिल्ली-एनसीआर में छुपा बैठा है, जबकि पुलिस इस बात से पुरी तरह अनजान थी कि वह फरीदाबाद से 773 किलोमीटर की यात्रा कर मध्यप्रदेश के उज्जैन तक पहुंच गया।

एसटीएफ ने विकास के पांच सहयोगियों को बेशक ढेर किया, लेकिन सभी एनकाउंटर में पुलिस ने एक ही बात कही, “हमने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमपर फायरिंग कर दी और बचाव में हमने फायरिंग की।”

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