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चीन से हिंसक झड़प में हिमाचल का लाल शहीद, 21 साल की उम्र में दी शहादत

चीन से हिंसक झड़प में हिमाचल का लाल शहीद, 21 साल की उम्र में दी शहादत
Image Source : SOCIAL MEDIA

हमीरपुर: भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख में LAC पर हुई हिंसक झड़प में हिमाचल प्रदेश का एक जवान भी शहीद हुआ है। हमीरपुर जिला के गांव कड़होता के रहने वाले 21 वर्षीय अंकुश ठाकुर को LAC पर इस झड़प में शहादत हासिल हुई। अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। 10 माह पहले ही अंकुश ने ट्रेनिंग पूरी कर सेना की पोस्टिंग ली थी।

फिलहाल, अंकुश के घर पर गम का माहौल है। सेना मुख्यालय ने जैसे ही अंकुश की शहादत की खबर उनके परिवाल वालों की दी वैसे ही परिवार और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि अंकुश के परिवार से पहले भी लोग भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। अंकुश के पिता और दादा भी भारतीय सेना में थे और अब इनके बाद अंकुश ने भारतीय सेना ज्वाइन की थी।

बता दें कि 15 जून की रात को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं और चीन के 43 सैनिकों की मौत हुई है। गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। 

यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच सेना और डिप्लेमैटिक स्तर पर भी बातचीत चल रही थी। 

सेना के कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच भी वार्ता हुई थी और चीन के सैनिकों का पीछे हटना भी शुरू हुआ था। लेकिन फिर 15 जून की रात को चीन ने धोखा देते हुए फिर से अपनी घिनौनी हरकत की।  ऐसे में अब सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख में सेना की मौजूदगी को लेकर खुली छूट दे दी है। 

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी है। केंद्र ने सेना को कहा है कि वे मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए स्वयं फैसला ले सकते हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है कि वह सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करे।  यही ध्यान में रखते हुए सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी गई है। 

सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पड़ला चीन के बराबर हो सकता है।

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