BIG NewsINDIATrending News

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी फाइटर जेट्स शंघाई के नजदीक पहुंचे

US warplanes reached closes to shanghai in China
Image Source : US NAVY

बीजिंग: चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी वायुसेना के जंगी जहाज ड्रैगन के बेहद करीब पहुंच गए। यहां तक कि एक जहाज शंघाई से महज 100 किमी दूर जा पहुंचा। हाल के सालों में यह इतना करीब पहुंचने की पहली घटना है। मीडिया में सोमवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार अमेरिकी वायुसेना के जंगी जहाज शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक पहुंच गया। 

पेकिंग विश्वविद्यालय के एक थिंक टैंक के अनुसार रविवार को अमेरिकी वायुसेना के जंगी जहाज पी-8 ए (पोसाइडन) और निगरानी विमान ईपी- 3ई ने ताइवान जलसंधि में प्रवेश किया और झेजियांग तथा फुजियान के तट के पास उड़ते नजर आए। 

थिंक टैंक ने इस बाबत पहली बार रविवार को ट्वीट किया और बाद में कहा कि निगरानी विमान फुजियान और ताइवान जलसंधि के दक्षिणी भाग तक पहुंचने के बाद लौट रहा था। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक थिंक टैंक ने रात में पुनः ट्वीट किया कि अमेरिकी नौसेना के पी-8ए विमान शंघाई के पास उड़ रहे थे और युद्धपोत यूएसएस राफेल पेराल्टा भी विमान के संपर्क में था। 

थिंक टैंक के चार्ट के मुताबिक पी-8ए विमान शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक आ गया था जो कि हाल के सालों में चीन की मुख्य भूमि के सबसे करीब आने वाला अमेरिकी विमान था। थिंक टैंक के अनुसार लगातार यह 12वां दिन था जब अमेरिकी विमान मुख्य भूमि तक आए। दोनों देशों के मध्य राजनयिक स्तर पर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका द्वारा यह कदम उठाया गया है। 

चीन ने सोमवार को कहा कि उसने चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास बंद करने के बाद उसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। बीजिंग ने यह कदम ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्यिक दूतावास बंद करने के जवाब में उठाया। 

सोमवार को संस्थान ने ट्वीट किया कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी वायुसेना का एक अन्य निगरानी विमान आरसी-135डब्ल्यू ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुस गया है। 

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन दावों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। लेकिन दोपहर में संस्थान ने फिर ट्वीट किया कि ईपी-3ई विमान गुआंगडोंग तट से सौ किलोमीटर से भी कम दूरी से नजदीक से निगरानी कर रहा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page