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चीन अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पाकिस्तान में करना चाहता है, डिप्लोमैटिक स्तर पर हो रही है बात

China wants to test its coronavirus vaccine in Pakistan
Image Source : AP

नई दिल्ली: चीन ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल करने के लिए डिप्लोमैटिक चैनलों के माध्यम से प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में पाकिस्तान ट्रायल आयोजित करने के लिए चीन की दो फर्मों से संपर्क में है। इसके अलावा सरकारी स्वामित्व वाली चीनी दवा फर्म सिनोफार्म सीएनबीजी (चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप) ने भी बांग्लादेश में वैक्सीन के ट्रायल के लिए बीजिंग में बांग्लादेश दूतावास से संपर्क किया है।

कोविड-19 का टीका तैयार करने में जुटी हैं सात भारतीय दवा कंपनियां

कम से कम सात भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस संक्रमण का टीका तैयार करने में जुटी हैं। वैश्विक स्तर पर इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए टीका बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दुनियाभर में अब तक 1.4 करोड़ लोग इस वायरस से संकमित हो चुके हैं। अब तक यह महामारी वैश्विक स्तर पर छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। घरेलू फार्मा कंपनियों की बात की जाए, तो भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकस, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई कोविड-19 का टीका तैयार करने का प्रयास कर रही है। 

हालांकि, कोई टीका या वैक्सीन बनाने के लिए कई साल परीक्षण और उसके बाद उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है। लेकिन इस महामारी की वजह से वैज्ञानिक कुछ महीनों में इसका टीका बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। भारत बायोटेक को वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है। इसका विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा। 

कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। एक अन्य कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोविड-19 का टीका तैयार कर लेगी। 

सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदर पूनावाला ने कहा, ‘‘फिलहाल हम एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है। हम अगस्त, 2020 में भारत में मानव परीक्षण शुरू करेंगे। अभी तक क्लिनिकल परीक्षण को लेकर जो सूचना उपलब्ध है उसके आधार पर हमें उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध होगी।’’ 

इस बीच, फार्मा क्षेत्र की एक अन्य कंपनी जायडस कैडिला ने कहा कि वह कोविड-19 के वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ जाइकोव-डी का क्लिनिकल परीक्षण सात माह में पूरा करने की उम्मीद कर रही है। जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने बयान में कहा, ‘‘अध्ययन के नतीजों के बाद यदि डाटा उत्साहवर्धक रहता है और परीक्षण के दौरान टीका प्रभावी साबित होता है तो परीक्षण पूरा करने और टीका उतारने में सात माह लगेंगे।’’ 

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पिछले सप्ताह रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अपने टीके कोवैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है। भारतीय औषधि नियामक से कंपनी को सार्स-कोव-2 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी मिली है। कंपनी ने यह टीका भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थन (एनआईवी) के साथ सहयोग से विकसित किया है। 

पैनेशिया बायोटेक ने जून में कहा था कि वह कोविड-19 का टीका विकसित करने के लिए अमेरिका की रेफैना के साथ मिलकर आयरलैंड में संयुक्त उद्यम लगा रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की अनुषंगी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के साथ करार किया है। इसके अलावा मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई भी कोविड-19 का टीका तैयार करने के लिए काम कर रही हैं। 

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