चिल्फी घाटी में फिर दिखा तेंदुआ


कवर्धा : चिल्फी घाटी के सड़क किनारे पिछले कुछ दिनों से एक तेंदुआ लगातार अपनी मौजूदगी का एहसास आने जाने वाले लोगों को करा रहा है, कुछ दिन पूर्व नेशनल हाईवे के किनारे एक तेंदुआ बैठा हुआ दिखा था। जिसके बाद शुक्रवार की देर शाम एक तेंदुआ सड़क किनारे एक चट्टान पर बैठा हुआ फिर दिखा, जिसके बाद राहगीरों में दहशत तारी हो गई है, लगातार एक ही जगह में इस तरह के वन्य प्राणियों की मौजूदगी कभी-कभी शिकारियों के जद में आने की संभावना बढ़ जाती है नेशनल कान्हा पार्क से आने वाले बाघ-बाघिन व उनके कुनबे में काफी हद तक कमी आई है। मेंटिंग के लिए भोरमदेव अभ्यारण को सबसे सुरक्षित स्थान मानकर पिछले कई सालों से बाघ-बाघिन का जोड़ा यहां आता रहा है, और समय-समय पर छोटे-छोटे शावकों को को भी उनके साथ देखा गया है, लेकिन अब इस तरह का नजारा देखने को नहीं मिल रहा है। जिसके पीछे शिकारियों के द्वारा शिकार किए जाने की भी संभावना आए दिन हवाओं में तैरती रहती है। अभ्यारण्य में बाघिन की हत्या किसी से छुपी नहीं है। चारों तरफ से खुले और नेशनल हाईवे में जुड़े होने के चलते शिकारियों के लिए भोरमदेव अभ्यारण्य को जन्नत भी कहा जाता है, छोटे जानवरों के शिकार तो बेहद आम बात है, जिस पर वन विभाग समय-समय पर कार्रवाई भी करता रहता है। इस शिकार में स्थानियो का हाथ सबसे अधिक निकल कर सामने आता है। बहरहाल तेंदुआ के एक ही जगह में लगातार देखने के बाद वन विभाग की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है और सुरक्षा के लिए उन्हें कड़े इंतजाम और करने पड़ेंगे।