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चंपत राय ने बताया क्यों आडवाणी, जोशी राम मंदिर भूमि पूजन में नहीं होंगे शामिल

LK Advani and Murli Manohar Joshi
Image Source : FILE

अयोध्या। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार (3 अगस्त) को आगामी पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले भव्य राम मंदिर भूमि पूजन तैयारियों और आने वाले अतिथियों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। सोमवार शाम को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंपत राय ने बताया कि नब्बे साल से ज्यादा उम्र के लोग कैसे आएंगे। कोरोना महामारी के दौरान जहां ज्यादा बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है वहीं दूसरी ओर आखिर उन्हें किस आधार में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दे सकते हैं। चपंत राय ने आगे कहा कि आडवाणी जी कैसे आएंगे, परासरन जी कैसे आएंगे, चातुर्मास की व्यवस्था वालो के नाम हमने हटाये हैं। वहीं कल्याण सिंह से कहा गया है कि जब भीड़ कम हो तब अयोध्या आएं।

चपंत राय ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि खुशी मनाएं किसी को चिढ़ाएं नहीं। उन्होंने बताया कि राम मंदिर शिलान्यास में हिस्सा लेने के लिए 36 परंपराओं के 133 संतों को न्योता भेजा गया है। भूमि पूजन में पौने दो सौ महमानों को बुलाया गया है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नेपाल में स्थित जनकपुर के जानकी मंदिर महंत भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम में पद्मश्री मोहम्मद शरीफ, जो 10,000 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री श्री चम्पत राय ने कहा कि हम सभी रामभक्तों से आह्वान करते हैं कि इस अवसर पर जैसा दिव्य वातावरण अयोध्या में दिख रहा है, वैसा ही देश के सभी नगरों और ग्रामों में दिखना चाहिए। भजन, कीर्तन, प्रसाद वितरण के कार्यक्रम सब स्थानों पर कोरोना महामारी की सावधानियां बरतते हुए आयोजित करने का हम करबद्ध निवेदन करते हैं। देश के लगभग 2000 पावन तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी और लगभग 100 पवित्र नदियों का पावन जल श्रीरामभक्तों द्वारा भूमि पूजन के निमित्त भेजा गया है। इसके अतिरिक्त देश भर से पूज्य शंकराचार्यों और पूजनीय सन्तों ने अपने प्रेम और श्रद्धा स्वरूप विभिन्न भेंट भेजी हैं। श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण शुभारंभ कार्यक्रम में कुल 175 महानुभावों को आमंत्रित किया गया है। देश की कुल 36 आध्यात्मिक परम्पराओं के 135 पूजनीय संतों की पावन उपस्थिति कार्यक्रम में रहने वाली है। इसके साथ-साथ अयोध्या के कुछ गणमान्य नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से आमंत्रण पत्र पर एक सिक्योरिटी कोड दिया गया है, जो सिर्फ एक बार काम करेगा। कोई भी अपना कार्ड किसी दूसरे को नहीं दे सकता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में मोबाइल और बैग प्रतिबंधित होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में पीएम मोदी के पहुंचने से 2 घंटे पहले ही सबको पहुंचना होगा। रामलला के वस्त्रों के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि रामलला हरे रंग के वस्त्र पहनेंगे क्योंकि बुधवार है। उन्होंने कहा कि चारों ओर पेड़ हरे दिख रहे ये क्या इस्लाम का प्रतीक हैं? रंग के ऊपर चर्चा करना बेहूदापन है। भगवान के वस्त्र पुजारी तय करते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम दोपहर दो बजे तक पूरा होने का अनुमान है। चंपत राय ने बताया कि देशभर के लगभग 1500 से भी अधिक स्थानों से पवित्र और ऐतिहासिक स्थलों की मिट्टी और 2000 से भी ज़्यादा स्थानों और देश की 100 से भी ज़्यादा पवित्र नदियों और सैकड़ों कुंडों के जल देश के कोने-कोने से रामभक्त लाए हैं।

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