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घटिया कपड़ा बेचना दुकानदार को पड़ा महंगा, उपभोक्ता फोरम से ग्राहक को मिला न्याय

कवर्धा। दुकान से खरीदा गया कपड़ा फटा हुआ निकला,जिसे ग्राहक ने वापस लेने के लिए दुकान संचालकों से गुहार लगाई लेकिन संचालकों ने साफ-साफ मना कर दिए। इसके बाद पीड़ित ग्राहक ने उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया,जहां उसे न्याय मिला। पीड़ित के द्वारा उपभोक्ता फोरम में परिवाद पेश करने पर फैसला सुनाया गया,जिसमें ग्राहक को 1293 रुपए भुगतान, 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित वापस करने के साथ 5 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय 200 रुपए देना होगा। जोराताल स्थित हाऊसिंगबोर्ड कालोनी में निवासरत दिवाकर सिंह ठाकुर 39 वर्ष ने 12 मई को सुमित बाजार से अपनी पत्नी के लिए दो गाउन एवं एक चुनरी खरीदा था,जिसकी कुल कीमत 1293 रुपए थी। इसका भुगतान उसने किया। घर आने पर जब उसकी पत्नी ने कपड़े को देखा तो पता चला कि कपड़ा के पिछले भाग में छेद है। दूसरे दिन 13 मई को उक्त कपड़ों को बदलकर दूसरा कपड़ा लेने के लिए दिवाकर जब दुकान गया तो वहां के संचालकों द्वारा कपड़ा बदलकर दूसरा देने से इंकार कर दिया गया। साथ ही राशि भी वापस नहीं की गई,जिससे क्षुब्ध होकर दिवाकर सिंह ने जिला उपभोक्त विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद पेश किया।
दोनों पक्षों के कथन व पेश किए गए दस्तावेज के आधार पर सुमीत बाजार के संचालकों के विरूद्ध सेवा में कमी प्रमाणित करने में दिवाकर सिंह सफल रहे। तत्पश्चात जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष बृजेंद्र कुमार शास्त्री, सदस्य चेतना सिंह, दीनानाथ शर्मा के द्वारा फैसला सुनाया गया कि विरोधी पक्ष एक माह के भीतर विवादित वस्तु एक नग गाऊन, 1 नग नाइटी व 1 नग चुनरी वापस प्राप्त कर उसके द्वारा लिया गया कुल 1293 रूपए आवेदन दिनांक से भुगतान दिनांक तक 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित परिवादी दिवाकर सिंह को वापस किए जाने के लिए जिला आयोग के खाते में जमा करना होगा। साथ ही मानसिक पीड़ा के लिए 5 हजार रूपए, परिवाद व्यय के रूप में नोटिस व परिवाद फाइल करने के होने वाले कुल व्यय के रूप में 2000 रूपए प्रदान करने फैसला सुनाया गया।

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