क्या होम क्वॉरंटीन पर LG और दिल्ली सरकार के बीच टकराव की वजह है PORTIA कंपनी को दिया गया ठेका?


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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों के होम क्वॉरंटीन को लेकर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है। उप राज्यपाल की अध्यक्षता में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) की आज 12 बजे होने वाली बैठक को अब शाम 5 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबहिक उप राज्यपाल ने होम क्वॉरंटीन खत्म करने को लेकर जो फैसला किया था उसके पीछे बड़ी वजह होम क्वॉरंटीन में रह रहे कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली प्राइवेट कंपनी PORTIA को दिया गया ठेका है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने होम क्वॉरंटीन में रह रहे मरीजों की देखभाल के लिए PORTIA कंपनी को ठेका दिया हुआ है, इस कंपनी के कर्मचारी होम क्वॉरंटीन में रह रहे कोरोना मरीजों को फोन करके दवाई भेजते हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने कंपनी को नॉमिनेशन के जरिए ठेका दिया हुआ है, न कि टेंडर प्रक्रिया के जरिए।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के विरोध को देखते हुए SDMA की पिछली बैठक में उप राज्यपाल ने कहा था कि जबतक कोई विकल्प नहीं मिल जाता तबतक इस कंपनी को दिया करार जारी रहेगा, लेकिन उप राज्यपाल ने साथ में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से इसका विकल्प तलाशने और सोमवार तक पूरा ब्लू प्रिंट देने के लिए भी कहा है, और आज होने वाली SDMA की बैठक में इसपर चर्चा होगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव हो और चाहती है कि PORTIA कंपनी होम क्वॉरंटीन का काम देखती रहे। आज होने वाली बैठक में एक बार फिर से उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच तकरार बढ़ सकती है।
उप राज्यपाल ने दिल्ली में होम क्वॉरंटीन को लेकर दिए अपने पहले वाले फैसले में बदलाव किया है और अब नए नियमों के तहत कोरोना मरीजों को नजदीकी कोविड केयर सेंटर में जांच कराना जरूरी है और उसके बाद अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को होम क्वॉरंटीन भेजा जा सकता है तो भेज दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए भी संबंधित डीएम की टीम को फिजिकली वेरिफाई करने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार फिजिकली वेरिफाई करने के भी खिलाफ है और कह रही है कि उनके पास मैनपॉवर की कमी है। दिल्ली में अभी तक लगभग 10 हजार कोरोना मरीज होम क्वॉरंटीन में हैं।