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कॉलेज, युनिवर्सिटी में फाइनल इयर परीक्षा को लेकर छात्रों के सुझावों पर भी गंभीरता से विचार कर रही है सरकार

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर चल रही कशमकस के बीच केंद्रीय एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इंडिया टीवी डिजिटल से बात करते हुए कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के बीच कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर एग्जाम्स कराए जाने के फैसले को लेकर विरोध को लेकर जवाब दिए है। इंडिया टीवी डिजिटल ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बात करते हुए पूछा, फाइनल ईयर परीक्षाओं का विरोध कर रहे हैं तो इस पर उनकी क्या राय है? इस पर निशंक ने कहा कि वे उन सभी सुझावों पर नजर रख रहे हैं। इससे पहले जब जेईई मेन और नीट के उम्मीदवारों ने परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की गई थी, तब मंत्री ने बच्चों ने हित में परिक्षाएं टालने का निर्णय लिया था।

इस बीच, यूजीसी के दिशा-निर्देशों को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शीर्ष अदालत का रुख किया और अनुरोध किया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को अपने-अपने राज्यों में शर्तों के आधार पर टर्मिनल सेमेस्टर/अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के संबंध में अपनी स्वयं की कार्ययोजना तैयार करने की अनुमति दी जा सकती है। एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने इंडिया डिजिटल से कहा, ‘हम छात्रों से आने वाले सुझावों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। जिन सुझावों में हमें दम लगेगा उनपर विचार किया जाएगा, फिर बैठकें होंगी।’

13 राज्यों के कम से कम 31 छात्रों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लाखों छात्रों को राहत देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यूजीसी ने हाल ही में कहा है कि 450 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अपनी अंतिम परीक्षाएं आयोजित की हैं या वे ऑफ़लाइन या ऑनलाइन मोड में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। उच्च शिक्षा नियामक ने कहा कि इसने 640 विश्वविद्यालयों से प्रतिक्रिया प्राप्त की, जिसमें 120 डीम्ड, 229 निजी विश्वविद्यालय, 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 251 राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। पंजाब, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने COVID-19 स्थिति का हवाला देते हुए परीक्षा योजना के खिलाफ आरक्षण व्यक्त किया है।

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