
कपिल सिब्बल ने इंटरव्यू में बताया कि सोनिया गांधी को पत्र लिखे जाने के बाद से पार्टी नेतृत्व और नेताओं के बीच में कोई संवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि नेतृत्व द्वारा बातचीत के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और चूंकि मेरे विचार व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए मैं सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने के लिए विवश हूं।