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गोधन न्याय योजना से मिली महिलाओं को एक नई राह विरेन्द्र नगर गौठान की महिला समूह ने दो लाख रूपए से अधिक का खाद्य बेचकर कृतिमान स्थापित किया

@apnews कवर्धा :गोधन न्याय योजना से मिली महिलाओं को एक नई राह

विरेन्द्र नगर गौठान की महिला समूह ने दो लाख रूपए से अधिक का खाद्य बेचकर कृतिमान स्थापित किया।

कवर्धा, 24 नवम्बर 2020। छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना को लेकर ग्रामीणों और किसानों में उत्साह है। इस योजना के तहत कबीरधाम जिले के गौठानों में नियमित रूप से गोबर की खरीदी हो रही है। गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन में जुटी है। जिले के सभी गौठानों में गोबर की खरीदी और वर्मी खाद तैयार करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। कबीरधाम जिले के विकासखण्ड सहसपुर लोहारा के ग्राम विरेन्द्र नगर की 10 सदस्यी महिला समूह ने जैविक खाद बेचकर अब तक 2 लाख 19 हजार 800 रूपए की आय अर्जित की है। गोधन न्याय योजना से विरेन्द्र नगर की संस्कार आत्मा महिला स्व. सहायता समूह ने यह सिद्ध किया है कि यदि किसी भी काम को लगन से किया जाए तो उसका परिणाम सुखद ही होता है।

समूह की अध्यक्ष श्रीमती हेमलता कौशल, सचिव श्रीमती बिसन देवी कौशल ने बताया कि विरेन्द्र नगर गौठान से कुल 129 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद्य का उत्पादन किया गया है। जिसे बेचकर एक लाख 15 हजार रूपए की आमदनी अर्जित की गई है साथ ही चार क्विंटल केचुआ बेचकर एक लाख 4 हजार 800 रूपए आय अर्जित हुई है। समूह की महिलाओं ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने का नियमित प्रशिक्षण दिया जाता रहा है और आवश्यकता अनुसार सभी तकनिकी सहयोग दिया गया। यहीं कारण है कि वर्मी खाद्य का उत्पादन बेहतर हो सका है। जैविक खाद्य बनाने का कार्य विरेन्द्रनगर गौठान में निरंतर जारी है तथा हम 10 सदस्यी समूह कि महिलाओं को लाभ हुआ हैं। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाएं गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाली गृहणी है, जो कभी अपने दैनिक जरूरतों के लिए परेशान हुआ करती थी। जब से शासन द्वारा गौठान विकास का कार्य करते हुए गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी और खाद उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है तब से हमारे आजीविका के नए रास्ते खुले है। अब हम महिलाएं जैविक खाद्य तैयार करते में सक्षम हो गई है और गौठान में इसका निरंतर उत्पादन कर रहीं है।

गौधन योजना से खुला रोजगार का द्वार

कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि गोधन न्याय योजना बहुत कारगर साबित हो रही है। वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर स्त्रोत बन कर उभरा है। जिसके कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था बनी हुई है। गौठान में गोबर खरीदी से अनेक प्रकार के रोजगार सृजन हुए है। प्रत्यक्ष रूप से गोबर बेचकर ग्रामीण लाभ कमा रहें है और गोबर से जैविक खाद और अन्य उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर महिला स्व. सहायता समूह भी लाभ कमा रहीं है। सहीं मायने में यह परम्पराओं के साथ विकास की ओर अग्रसर करने वाली योजना सिद्ध हो रहीं है।

कबीरधाम जिले में अब तक 2 हजार 680 ग्रामीणों ने पंजीयन कराया, ग्रामीणों को 1 करोड़ 99 लाख 50 हजार का भूगतान

जिला पंचायत के सीईओ श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ ग्रामीणों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य शासन के महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना सफल होता दिख रहा है। जिले के सभी 224 गौठानों में व्यापक पैमाने पर ग्रामीणों से गोबर की खरीदी गौठान प्रबंधन समिति द्वारा की जा रही है। योजना प्रारंभ से अब-तक ऐसे बहुत से उदाहरण सामने आए है जिसमें गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों ने इस योजना से मिले लाभ के कारण अपनी इच्छाओं की पूर्ति की है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के लिए 2 हजार 680 ग्रामीणों ने पंजीयन कराया है। योजना के प्रारंभ से अब-तक 9948.224 टन गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जिसके एवज् में ग्रामीणों को 1 करोड़ 99 लाख 50 हजार रूपये का भुगतान उनके बैंक खाते में जारी किया जा चूका है तथा शेष राशि जारी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गोबर से अनेक प्रकार के उपयोगी सामग्रीयों का निर्माण आजीविका संवर्धन के तहत महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। एक ओर जहां ग्रामीण गोबर बेचकर सीधे लाभ कमा रहे है तो दूसरी ओर गौठान में उपलब्ध गोबर से महिला समूह द्वारा जैविक खाद्य बनाकर इसका विक्रय से लाभ अर्जित कर रहीं है।

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