कवर्धा: कबीरधाम जिले के गौठानों में पशुधन को मिल रही चिकित्सा सुविधा विभिन्न गौठानों में आयोजित 66 शिविर मे हजारों पशुधन को मिल रहा लाभ।

@APNEWS कवर्धा: कबीरधाम जिले के गौठानों में पशुधन को मिल रही चिकित्सा सुविधा विभिन्न गौठानों में आयोजित 66 शिविर मे हजारों पशुधन को मिल रहा लाभ।
कवर्धा: 28 दिसम्बर 2020। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत जिले में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का अभियान निरंतर चल रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए गौठानों में पशुधन के लिए छाया, पानी, चारा सहित सभी आवश्यक सुविधाएं ग्रामीणों को सीधे मिली रही है। इसी क्रम में जिले के गौठानों में पशुधन विकास विभाग के द्वारा पशु चिकित्सा इकाई कि स्थापना कर चारो विकासखण्डों में चलित शिविर का आयोजन करते हुए मैदानी क्षेत्रों के साथ दुर्गम एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों में किया जा रहा है। गरवा का घटक गौठान को सुविधायुक्त बनाने के साथ निरंतर चिकित्सा सहायता मिलने से ग्रामीणों को कहीं दूर आने जाने कि आवश्यकता नहीं पड़ रहीं है। शिविर में मुख्य रूप से पशु उपचार का कार्य किया जा रहा है, जिसमें सामान्य मौसमी बिमारी सर्दी, बुखार, दस्त, कमजोरी, चोट, घाव का इलाज हो रहा है। इसके साथ ही गौठानों में टिकाकरण का कार्य भी बड़ी मात्रा में किया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से एफ.एम.डी., एच.ओ.एस., बी.क्यू. (खुरहा, वपका एकतगीया) इत्यादी मौसमी बीमारी का समय पूर्व ही टिकाकारण किया जाता है। जू नाशक के तहत पशु को कमजोर करने वाले जूं, टीकर, मीटर से बचाव, पशुओं को आंतरिक रूप से होने वाले कृमी एवं कमजोरी से बचाव, बधीयाकरण के तहत निस्कृष्ठ नाटों का एक रूप से बधीयाकर उन्नत नस्ल के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने के साथ कृत्रिम गर्भधारण के माध्यम से उन्नत नस्ल के पशुधन विकास को बढ़ावा दिये जाने हेतु ग्रामीणों के साथ समयन्वय करते हुए गौठान में सुविधाएं दी जा रही है।
पशुधन विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार शिविर का आयोजन निरंतर हो रहा है। जिसमें जिले के चारों विकासखण्डो में चिकित्सा टीम द्वारा प्राथमिकता से गौठान वाले ग्रामों में चिकित्सा शिविर का आयोजन हो रहा है। जिसमें गौ पालक बड़ी मात्रा में लाभान्वित हो रहे है। वर्तमान में 66 शिविर का आयोजन हो चुका है जो विगत कई सप्ताह से चल रहा है। 73,314 गौवंश को टिकाकरण किया गया है, 8915 पशुओं के मौसमी बीमारी का उपचार किया गया है, 14887 पशुधन को कुमित्र नाशक हेतु दवाई दी गई। 919 पशुओं का कृत्रिम गर्भधान किया गया है। 1179 पशुओं का बधियाकरण एवं 148 वत्सोत्पादन की सुविधा मिली है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि सुराजी गांव योजना के तहत जिले के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर पशुधन विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग साथ मिलकर काम कर रहें है। गौठान से जुड़े सभी कार्यो में उपरोक्त विभागों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष सहयोग निरंतर दिया जा रहा है। यहीं कारण है कि गौठानों में आने वाले पशुधन के लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा शिविर आयोजित कर स्थानीय स्तर पर ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। जिसके लिए ग्रामीणों को गांव से दूर जाने कि जरूरत नहीं पड़ रहीं है।