कवर्धा:जिला अस्पताल के लेखापाल पर लगा जीएसटी चोरी का संगीन आरोप। फर्मों का चेक अपने नाम पर काटता था लेखापाल ठाकुर। जाने माजरा क्या है।

कवर्धा। जिला अस्पताल कवर्धा में फर्मो के भुगतान में जीएसटी कर की चोरी का सनसनीखोज मामला सामने आया है।आखिर अस्पताल में पदस्थ लेखापाल फर्मों के भुगतान चेक अपने नाम पर क्यों लेता था।
जी हाँ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कवर्धा के ही वृंदावन रेस्टोरेंट को जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन और जलपान सप्लाई के लिए अनुबंधित किया गया है। इस फर्म का बकायदा GST रजिस्ट्रेशन है। और काम के बदले अपनी प्रिंटेड बिल में सामग्री की कीमत के साथ जीएसटी जोड़कर लेता है। सनसनीखोज वाक्या यह कि जिला अस्पताल के ही लेखापाल द्वारा एक बाजार से छपा-छुपाया अथवा स्वयं के द्वारा डिजाइन किया एस्टीमेट प्रोफार्मा में वृंदावन रेस्टोरेंट कवर्धा का सील ठप्पा से सजाकर विभिन्न खाद्य सामग्री की कीमत बिना जीएसटी के “paid by me” लिखकर उसको बिल बताकर भुगतान कर दिया है।
मामला गंभीर और संदिग्ध से जुड़ा तब और प्रतीत हो जाता है जब संदेह से जुड़े बिलो का भुगतान वृंदावन रेस्टोरेंट कवर्धा को किया ही नही गया है बल्कि अस्पताल में ही पदस्थ और लेखापाल के वित्तीय गद्दी पर बैठे ने स्वयं के नाम पर ले लिया। सवाल उठना और लेखापाल पर ऊँगली उठना निहायत ही लाजिमी है, बिल वृंदावन रेस्टोरेंट कवर्धा का तो भुगतान लेखापाल दीपक ठाकुर को कैसे हुवा? और इत्तफाकन इस्टीमेट प्रोफार्मा को वृंदावन रेस्टोरेंट का बिल मान भी लिया जाय तो जीएसटी कर चोरी करने का एक नये तरीके आविष्कार जरूर होता है। जैसे जीएसटी कर चोरी करने के लिए अलग तरह की बिल या फर्जी बिल का उपयोग करना।
पूरे मामले की शिकायत वाणिज्य कर मंत्री टीएस सिंहदेव जी से की गई है जो आयुक्त राज्य कर जीएसटी के मार्फत जिला कलेक्टर कबीरधाम को जाँच के लिए पत्र दिनांक 12 जन. 2021 भेजा गया है।