करोना वायरस से बचने इस बार पालक भाजी वह चुकंदर से बनी गुलाल से खेलेंगे होली बालोद जिले वासी

बालोद संवाददाता जितेंद्र दास मानिकपुरी एपी न्यूज़ पालक भाजी कड़ी पत्ता चुकंदर वह बेकार फूलों से बना गुलाल सुनकर थोड़ा आश्चर्य होता है जो कि खाने की सब्जियां हैं उनसे गुलाल कैसे बनेगा पर जिले की महिलाओं ने स्त्री रसायन मुक्त गुलाल बनाकर अपनी मेहनत के पैसे भी कमा रही हैं वह अन्य महिला सदस्यों के लिए एक मिसाल पेश कर रही हैं सरकार के बिहान योजना के तहत कार्य कर रही हैं इस बार होली के त्यौहार में रंग में भंग मिलाने के बजाए करो ना वायरस का डर लोगो सता रहा है यहां तक कि होली के त्यौहार पर भी इसका असर पड़ता दिख रहा है लोगों के रंगों से बचने व समूह में रहकर होली खेलने रसायनिक पदार्थों से बने रंगों से बचने की हिदायत भी दी जा रही है करोना वायरस का मूल जन्म स्थान चीन से होने वा ची नी उत्पादकों के होली त्यौहार में हमारे बाजारों में रंग गुलाल व अन्य सामग्री से भरे बाजार पर वैसे तो आम जनता में कोई डर व खौफ देखा जा सकता फिर भी एहतियात बरती जा रही है ऐसे समय में जब रंग पर रोकथाम मची हुई है है वही बालोद जिले के उमरा दाह पंचायत के ग्राम चरोटा की महिला बहनों ने रसायन मुक्त गुलाल बनाकर लोगों को रंगीन त्यौहार के मजे लेने की इजाजत दे दी है साग भाजी से बने इस गुलाब से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है लोगों को यह गुलाल ग्राम की महिला बहनें कुछ ही राशि लेकर विक्रय कर रही हैं जो इनकी समूह के सभी सदस्यों ने बड़ी मेहनत से बनाया है ग्राम चरोटा की स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की मानें तो बिहान योजना के तहत जो गुलाल बना रही हैं उसमें प्राकृतिक
चीजों का उपयोग हो रहा है इस कार्य से उनको आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिल रही है