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कबीरधाम जिला ग्रामीण परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में प्रदेश में अव्वल : मनरेगा बना कोरोना काल में पंजीकृत परिवारों के लिए संकटमोचनमहात्मा गांधी नरेगा योजना से चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 9165 परिवारों को मिला 100 दिनों का रोजगार

@Ap news कवर्धा : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 100 दिनों का रोजगार ग्रामीण परिवारों को देने में कबीरधाम ज़िला पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक जिले के 9165 परिवारों को 100 दिनों का काम प्रदान करते हुए रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कबीरधाम जिले में इस योजना के तहत 1 लाख 81 हजार 7 सौ 83 परिवार पंजीकृत है। इन पंजीकृत परिवारों में एक लाख पचास हजार 340 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 68 लाख 68 हजार 4 सौ 45 मानव दिवस रोजगार का सृजन करते हुए ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है जो कि चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य का 81 प्रतिशत है। वर्तमान में जिले के 278 ग्राम पंचायतों में 874 कार्य ग्रामीणों की मांग पर चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पंजीकृत परिवारों को 100 दिवस रोजगार प्रदाय करने में कबीरधाम जिला लगातार पिछले वर्ष से अव्वल बना हुआ है। चालू वर्ष के शुरूआत से ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाय गए लॉकडाउन के दौरान भी पंजीकृत परिवारों को रोजगार देने में कृतिमान स्थापित किया गया है।

कोरोना लॉक डाउन के दौरान निर्माण कार्य के बेहतर प्रबंधन से ग्रामीण परिवारों को मिला अधिको अधिक रोजगार के साथ 100 दिनों का काम

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब ग्रामीणों को लॉकडाउन के समय अपने गांव में रोजगार का अवसर मिला उनके लिए यहा बहुत मददगार साबित हुआ। महात्मा गांधी नरेगा योजना से लॉकडाउन के समय निर्धारित सभी जरूरी मानकों का पालन करते हुए ग्रामीण को कार्य में जुटाया गया। साथ ही 6019 प्रवासी मजदूर परिवारों को भी योजना से जोड़कर समयावधि में रोजगार उपलब्ध कराया गया। यही कारण है कि इस वित्त वर्ष में लगातार निर्माण कार्य में मजदूरों को नियोजित करते हुए 90 प्रतिशत से अधिक पंजीकृत मजदूरों को काम का अवसर मिल गया। माह अप्रैल, मई और जून के दौरान जिले में लगभग 16 सौ कार्य चल रहे थे तथा 1 लाख 60 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान स्थापित हुआ जोकि इसके पहले आज पर्यंत तक जिले में नहीं हुआ था। लॉकडाउन की अवधि में महात्मा गांधी नरेगा के तहत स्वीकृत कार्य और जिला स्तर पर किए गए बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा है कि ग्रामीणों के लिए मनरेगा से मिला मजदूरी जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया बन गया और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिली। ऐसे समय में जब शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर घटे हैं तब ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मिलता रोजगार का अवसर और समय पर मिला मजदूरी भुगतान योजना के बेहतर प्रबंधन का पर्याय है। जिसके कारण 9 हजार से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार प्राप्त हो सका है जो कि प्रदेश में सर्वाधिक है।

चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 105 करोड़ से अधिक का हुआ मजदूरी भुगतान-सीईओ जिला पंचायत

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम विजय दयाराम के. ने जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों की मांग पर बहुत से कार्य प्रारंभ किए गए हैं। निरंतर कार्य उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण परिवारों को रोजगार का अवसर मिल रहा है। यही कारण है कि कबीरधाम जिला प्रदेश में सर्वाधिक 100 दिनों का रोजगार देने में गत वर्ष से निरंतर अग्रणी बना हुआ है। जिसके एवज में इस वर्ष अभी तक 105 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश के बड़े ज़िलों को पीछे छोड़ते हुए कबीरधाम जिला ग्रामीण परिवरों को सर्वाधिक 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध करा रहा है। साथ ही मजदूरी भुगतान का भी विशेष ध्यान रखते हुए समय पर किया जा रहा है। मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान उपलब्ध कराने में ज़िले का 98 प्रतिशत से अधिक है। निर्माण कार्यों में तालाब गहरीकरण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य, डबरी निर्माण जैसे बहुत से हितग्राही मूलक कार्य ग्रामीणों की मांग पर खोले जा रहे हैं। सभी ग्राम पंचायतों के लिए कार्य पूर्व से ही स्वकृति है जिसे ग्रामीणों की मांग पर खोला जाएगा।

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