BIG NewsTrending News

एक घंटे के भीतर आए भूकंप के दो झटके, रोहतक था एपिसेंटर, दिल्ली सहित उत्तर भारत में हिली धरती

Rohtak
Image Source : GOOGLE MAPS

हरियाणा के रोहतक की धरती शुक्रवार रात एक घंटे के भीतर दो बार डोल गई। पहला भूकंप 9 बजकर 8 मिनट पर आया। भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई। इस भूकंप के झटके रोहतक से 60 किमी. दूर दिल्ली एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र धरती से 5 किमी. भीतर था। नेशनल सेंटर आफ सिस्मोलॉजी के अनुसार रोहतक में दूसरा झटका रात 10 बजे महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 2.9 आंकी गई। फिलहाल इन दोनों भूकंप के झटकों से किसी प्रकार के जानमाल की खबर नहीं है। 

पिछले डेढ़ महीने में दिल्ली-एनसीआर में यह 7वीं बार है, जब यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार रात 9 बजकर 8 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके दिल्ली के आसपास के राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब में भी महसूस किए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप ज़मीन से 5 किलोमीटर की गहराई पर था।

15 मई को आया था 2.2 तीव्रता का भूकंप

इससे पहले 15 मई को राष्ट्रीय राजधानी में  2.2 तीव्रता का भूकंप आया था। 12 अप्रैल के बाद से यह क्षेत्र में चौथा भूकंप था। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा में था। यह भूकंप 11 बजकर 28 मिनट पर आठ किलोमीटर की गहराई में आया। इससे पहले उत्तरपूर्वी दिल्ली में वजीरपुर के पास के इलाके में 10 मई को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। वजीरपुर और उसके आस-पास के इलाके 12 और 13 अप्रैल को आए क्रमश: 3.5 और 2.7 तीव्रता के भूकंप का केंद्र रहे थे।

भूकंप के पांच क्षेत्र हैं। दिल्ली चौथे क्षेत्र में पड़ता है। दिल्ली आपदा प्रबंधन अधिकरण के मुताबिक, दिल्ली के आस-पास भूकंपीय घटनाएं बड़े भौगोलिक ढांचे से जुड़ी हुई लगती हैं जिसे दिल्ली-हरिद्वार रिज के तौर पर जाना जाता है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 2004 में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। शहर में 2001 में 3.3 तीव्रता का भूकंप भी आया था। राष्ट्रीय राजधानी के पास 6.7 तीव्रता का तेज भूकंप 10 अक्टूबर, 1956 को बुलंदशहर और 5.8 तीव्रता का भूकंप 15 अगस्त 1966 को मुरादाबाद में आया था। दोनों ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में आते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page