इंडिया में अब एप डाउनलोड नहीं अपलोड का टाइम आ गया है- रविशंकर प्रसाद


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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के आज बुधवार (1 जुलााई) को 5 साल पूरे होने पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, कम्युनिकेशन और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल यात्रा ने सशक्तिकरण, समावेश और डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है और इसका सकारात्मक प्रभाव भारतीय नागरिकों के जीवन के सभी पहलुओं में महसूस किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया @5 साल फिल्म, डिजिटल भारत आत्मनिर्भर भारत के 5 साल पर ई-बुक और उमंग फिल्म को लॉन्च किया। प्रसाद ने जोर देते हुए कहा कि इंडिया में अब एप डाउनलोड नहीं अपलोड का टाइम आ गया है। भारत को सॉफ्टवेयर और एप के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाना ही हमारा मकसद है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीनी एप्स पर प्रतिबंध बड़ा अवसर देता है कि भारत मेक-इन-इंडिया एप्स और सॉफ्टवेयर का हब बने। हमारा मकसद भारत को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाना है।
Five years ago on 1st July, PM @narendramodi Ji had launched Digital India. In last 5 years, our nation has steadily progressed towards prosperity, transparency & inclusive growth due to the implementation of some of the major initiatives of Digital India.#5YearsOfDigitalIndia pic.twitter.com/lXcKkyxEiF
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) July 1, 2020
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ई-सेवाएं 2014 में 2,463 से बढ़कर 2020 तक 3,858 हो सकती हैं। 2014 में दैनिक औसत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन 66 लाख से बढ़कर 2020 में 16.3 करोड़ हो गया। प्रसाद ने कहा कि 2014 में दैनिक औसत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन 66 लाख से बढ़कर 2020 में 16.3 करोड़ हो गया है। नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल ऐप पर 360 से अधिक डाउनलोड के साथ 860+ सेवाएं चालू (UMANG) हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चीनी एप पर हमने जो प्रतिबंध लगाया है, मुझे लगता है कि यह एक बड़ा अवसर है। क्या हम भारतीयों द्वारा बनाए गए अच्छे एप के साथ मार्केट में आ सकते हैं? हमें कई कारणों से अपने एजेंडे पर चलने वाले विदेशी एप पर निर्भरता को रोकना है।
केंद्रीय मंत्री ने नीलकेणी से अपील करते हुए कहा कि देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप की बहुत संभावना है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारा मकसद भारत को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने का है। इसके लिए स्टेक होल्डर से बात करके नीति बना ली गई है। भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर हम बने। इंफोसिस के नंदन नीलकेणी से अपील करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आप लोग स्टार्टअप, प्रशिक्षित लोगों की यथासंभव मदद करें, ताकि विदेशी ऐप्स पर हमारी निर्भरता खत्म हो सके। चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध बड़ा अवसर देता है कि भारत मेक-इन-इंडिया ऐप्स का हब बने। इंफोसिस के नंदन नीलकेणी ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्री को बधाई दी है।
ब्रांडबैंड को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में अभी भी लैंडलाइन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। हम लैंडलाइन के जरिए ब्रांडबैंड की सेवा का विस्तार करने के लिए नीति बना रहे हैं। इसको कैबिनेट से जल्द मंजूरी जल्द मिल जाएगी