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आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ 8 दिसंबर को किसानों के देशव्यापी बंद के आह्वान को समर्थन करते हुए पारित कृषि बिल की प्रतियां जलाकर किसानों के देशव्यापी बंद का समर्थन करेगी -कोमल हुपेंडी प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़

भाजपा द्वारा लाया गया कृषि का यह कानून कॉरपोरेट को जमाखोरी करने का स्वतंत्र लाइसेंस दे रहा है-उत्तम जायसवाल प्रदेश सचिव आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़

रायपुर: मौजूदा सरकार द्वारा कृषि कानून में बदलाव किये जाने के विरोध में देश भर के किसान संगठन आंदोलन पर है । देश के अलग अलग राज्यों से आये किसान और किसान संगठन इस तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे है और सरकार से स्पष्ट मांग कर कर रहे हैं- ये तीनों कृषि कानून सरकार वापस लें साथ ही देश में किसानों को उसके फसल का न्यूनतम समर्थन मिले, ये किसान का लीगल राईट हो , वर्ना मंडी व्यवस्था खत्म होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य का लीगल राईट नहीं होने से भविष्य में किसान कॉर्पोरेट के चुंगल में फंस जाएंगे ।

किसानों के इस आंदोलन से घबरा कर सरकार ने किसान संगठन के नेताओं से बातचीत करने का फैसला कर कई दौर की बैठक की, लेकिन यह बैठक नाकाम रही । सरकार इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने से पीछे हट रही है जिसके पश्चात किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है । किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी ने इस बंद को समर्थन दिया है व राष्ट्रीय स्तर पर पूरी पार्टी से सहयोग करने की अपील की है । इस पर छत्तीसगढ़ इकाई ने भी इस बंद के समर्थन में प्रदेश के पदाधिकारियों व जिला अध्यक्ष को निर्देश जारी किया गया है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा है पूरे देश के किसान एकजुट है व किसान अपना भला बुरा जानती है, इसलिए वे इस कानून का कड़ा विरोध कर रहे है , बावजूद इसके सरकार यह कह रही है कि हम किसानों की भलाई के लिए यह कानून लाये हैं । यह कैसी सरकार है जो कहती है कि किसानों का भला करने के लिए यह कानून लाया गया है जबकि इस बिल में जो कानून बनाये गए है वो प्रत्यक्ष रूप से किसानों के हित के लिए नही कॉरपोरेट जगत के लिए लाभकारी हैं । इस आंदोलन के समर्थन में हम प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे व नए कृषि कानून के प्रतियां जलाकर हम किसानों के देशव्यापी बंद को समर्थन देंगे ।

प्रदेश सचिव उत्तम जायसवाल ने कहा कृषि कानून में जो बदलाव किया गया है व तीन नए कानून बनाये गए है जो केवल उद्योगपतियों को फायदा पहुचाने के लिए है । इस कानून से केवल पूंजीपतियों को फायदा होगा । उन्हें खुलेआम जमाखोरी करने का लाइसेंस मिल जाएगा । वर्तमान में जमाखोरी को लेकर कड़े कानून बनाये गए, उसके बावजूद लोग जमाखोरी करके आवश्यक वस्तुओं के रेट में भारी बढ़ोतरी कर अपना मुनाफा कमाते है लेकिन अब तो सरकार उन्हें लाइसेंस दे रही है जिससे देश का हर किसान घबरा गया है इस काले कानून का हम विरोध करते है हम सरकार द्वारा लाये गए काले कानून को वापस लेने की मांग करते हुए किसानों के देशव्यापी बंद का समर्थन करते है।

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