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आत्मनिर्भर भारत पैकेज-5 में रिफॉर्म और राहत के नए कदम, ये हैं पैकेज के खास ऐलान

Finance Minister
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पांचवा और अंतिम हिस्सा जारी कर दिया है। पांचवे हिस्से में निजी क्षेत्र की भागेदारी बढ़ाने के लिए नए सुधार कदमों का ऐलान किया गया है। वहीं कोरोना की वजह से संकट ग्रस्त कंपनियों को राहत भी दी गई है। जानिए क्या रहीं आज के पैकेज की खास बातें..

ग्रामीण रोजगार और स्वास्थ्य

वित्त मंत्री ने आज ऐलान किया कि सरकार MGNREGS के तहत 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन करेगी। इससे 300 करोड़ व्यक्ति दिन के बराबर अतिरिक्त रोजगार मिलेगा। श्रमिकों को रोजगार मिलने से एक तरफ जल संरक्षण जैसे जरूरी ढांचों को बेहतर बनाया जाएगा दूसरी तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। सरकार ने इसके साथ ही स्वास्थय पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की भी बात कही है। जिससे भविष्य की महामारी के लिए देश को तैयार किया जा सकेगा।

तकनीक आधारित शिक्षा

डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा के लिए कार्यक्रम को जल्द लॉन्च करने का ऐलान किया गया है। 1 से 12 कक्षा के लिए हर कक्षा के हिसाब से एक चैनल लॉन्च किया जाएगा। नेशनल फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी मिशन को दिसंबर 2020 तक लॉन्च करने का भी ऐलान किया गया है।

डिफॉल्ट, आपराधिक प्रावधान पर राहत

कोरोना संकट की वजह से कर्ज चुकाने या फिर नियमों का पालन करने में मुश्किलों का सामना कर रही कंपनियों के लिए वित्त मंत्री ने आज राहत का ऐलान किया है। वित्त मंत्री के मुताबिक इन कदमो से कंपनियों को काम करने में आसानी होगी। ऐलान के मुताबिक दीवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए न्यूनतम सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये की गई है। महामारी की स्थिति के आधार पर दीवालिया कार्यवाही में नई शुरूआत पर एक साल की राहत दी गई है। वहीं कोविड 19 की वजह से लिए गए कर्ज को डिफॉल्ट की परिभाषा से बाहर करने के लिए कदम उठाया गया है। इसके साथ ही कोरोना संकट की वजह से कारोबार से जुड़े नियमों का पालन करने में मामूली चूक या कमी से जुडे कई मामलों को आपराधिक श्रेणी से बाहर रखने का फैसला भी लिया गया है।

ईज ऑफ डूईंग बिजनेस

वित्त मंत्री के मुताबिक भारतीय सार्वजनिक कंपनियां अनुमति योग्य विदेशी अधिकार क्षेत्र में सिक्योरिटीज की सीधी लिस्टिंग करा सकेंगी। वहीं अब स्टॉक एक्सचेंज में NCD को लिस्ट कराने वाली निजी कंपनियों को लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। यानि कंपनियों को पैसा जुटाने अब पहले से आसान हो जाएगा।

निजी क्षेत्र और सरकारी कंपनियां

वित्त मंत्री के मुताबिक जल्द ही एक ऐसी पॉलिसी लाई जाएगी जिसके बाद देश के हर सेक्टर में निजी कंपनियां काम कर सकेंगी वहीं सरकारी कंपनियां चुनिंदा सेक्टर में ही काम करेंगी। रणनीतिक रूप से अहम सेक्टर में अधिकतम 4 सरकारी कंपनी ही काम करेगी, हालांकि ये सेक्टर निजी कंपनियों के लिए भी खुलेंगे। वहीं गैर जरूरी सेक्टर की सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा।     

राज्य सरकारों को मदद

कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों की उधार सीमा को 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है। ये बढ़ोतरी इसी वित्त वर्ष के लिए है। कदम से राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के संसाधन मिलेंगे। 

करीब 21 लाख करोड़ रुपये का कुल आत्मनिर्भर भारत पैकेज

वित्त मंत्री के मुताबिक कोरोना संकट के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कुल 20.97 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है। इसमें से पिछले 5 दिनों में ही 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कदमों का ऐलान किया गया है। इसके अलावा गरीब कल्याण योजना के तहत करीब 1.93 लाख करोड़ रुपये और रिजर्व बैंक के जरिए 8 लाख करोड़ रुपये की राहत जारी की गई है।

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