अनिल विज के बयान पर सत्येंद्र जैन ने कहा, हरियाणा में टेस्ट ही नहीं होते तो मामले कहां से आएंगे


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नई दिल्ली: इंडिया टीवी की खास पेशकश ‘हेल्थ मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस’ में विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री अपने-अपने राज्यों में कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति और इससे निपटने की तैयारी के बारे में बता रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दिल्ली के अस्पतालों में 4500 बेड तैयार हैं। बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 14465 है, जिसमें से 7223 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 288 लोग इस महामारी के हाथों अपनी जान गंवा चुके हैं।
‘अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 4500 बेड रिजर्व’
सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘दिल्ली के अंदर अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 15 हजार मामले मिले हैं जिनमें से आधे यानी कि लगभग 7 हजार ऐक्टिव केस हैं, और आधे ही लोग ठीक हो चुके हैं। दिल्ली के कुल ऐक्टिव मामलों में से 2 हजार लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। आज की तारीख में हमारे पास कोरोना वायरस के लिए 4500 बेड रिजर्व हैं जिनमें से 700 बेड प्राइवेट और 3800 बेड सरकारी अस्पतालों में हैं। हमने इस महामारी से निपटने के लिए 300 वेंटिलेटर रखे हैं जिनमें से 27 इस्तेमाल में हैं।’
‘दिल्ली में रेड ऑफ ग्रोथ लगभग 5 प्रतिशत है’
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘हमने दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों को 20 प्रतिशत बेड कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व रखने का आदेश दिया है। इससे कोरोना वायरस के इलाज के लिए 2000 और बेड मिल जाएंगे। दिल्ली में रेट ऑफ ग्रोथ लगभग 5 प्रतिशत है और 14 दिन में मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है। हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं कि जब तक 4 हजार मरीज अस्पतालों में पहुंचे तब तक हम 8 हजार बेड का इंतजाम कर लें। इससे निश्चिंत होने की बात नहीं है लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।’
दिल्ली में सब कुछ खोलेंगे.. वायरस से कैसे बचा पाएंगे?
केजरीवाल के स्वास्थ्य मंत्री से सुनिए दिल्ली की कोरोना रिपोर्टWatch Delhi Health Minister @SatyendarJain LIVE with @SushantBSinha #HealthMinistersOnIndiaTV LIVE Updates: https://t.co/xpkyEjMhrd https://t.co/2gJlDVq9M3
— India TV Hindi (@IndiaTVHindi) May 27, 2020
‘लॉकडाउन से महामारी से लड़ने में मदद मिली’
लॉकडाउन पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘लोग पूछते हैं कि लॉकडाउन क्यों लगाया गया था जब इसे खोलना ही था। दरअसल, जब हिंदुस्तान में कोरोना वायरस आया था तब किसी को भी पता नहीं था कि यह किस तरह से बिहैव करेगा। कुछ लोगों का यह कहना था कि शायद कोरोना वायरस गर्मी आने के साथ ही खत्म हो जाएगा और 1 मई के बाद हिंदुस्तान के अंदर यह महामारी शायद ही होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने इस महामारी को समझने में और इससे लड़ने की रणनीति तैयार करने में मदद की।
‘दिल्ली में कोरोना के मामले ही 2 हजार से शुरू हुए’
उन्होंने कहा, ‘यह तय हो गया है कि कोरोना वायरस अब लंबे समय तक हमारे बीच होगा और हमें इसके साथ ही जीना सीखना होगा। हमें इससे बचने के रास्ते देखने पड़ेंगे। दिल्ली में कोरोना वायरस की गिनती ही 2 हजार से शुरू हुई थी। इनमें से एक हजार केस निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज से थे और इतने ही केस पूरी दुनिया से दिल्ली आए और अलग-अलग इलाकों में फैल गए लोगों से हुए, जिससे शुरुआत में ही तमाम केस आ गए।’ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस से बचने के लिए सफाई और सोशल डिस्टैंसिंग अपनाने पर जोर दिया।
‘हरियाणा में तो टेस्ट ही नहीं होते, मामले कहां से आएंगे’
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयान कि उनके प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले दिल्ली से आए वरना वहां केस होते ही नहीं, जैन ने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप वाली बात है। जैन ने कहा, ‘यह तो आरोप-प्रत्यारोप की बात है। हम यह कह सकते थे कि विदेशों से लोगों को लाया ही क्यों गया, और लाकर दिल्ली में छोड़ा क्यों गया जिससे यह महामारी फैली। और हरियाणा में तो टेस्ट करते ही नहीं तो केस कहां से आएंगे। दिल्ली में तो रोजना 4 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।’