गेरुखदान की खाली सीएएफ बटालियन भवन बनेगी ग्रामीण विकास का केंद्र, कलेक्टर ने किया निरीक्षण


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
जिले के छुईखदान विकासखंड अंतर्गत ग्राम गेरुखदान में कुछ वर्षों से खाली 21वीं बटालियन सीएएफ कैंप को अब ग्रामीणों की आजीविका और कौशल विकास से जोड़ने की दिशा में सक्रिय प्रयास शुरू हो गए हैं। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावल ने शुक्रवार को इस परिसर का निरीक्षण किया और इसके उपयोग की संभावनाओं को लेकर ग्रामीणों और विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा कि यह स्थल अब रोजगार मूलक गतिविधियों, कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, और युवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम कुमार पटेल, आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त देवेंद्र पटले, सहायक संचालक उद्यानिकी रविन्द्र मेहरा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी तथा गांव के पांच सरपंच सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बाजार

कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग को निर्देश दिए कि परिसर में कोदो और महुआ जैसे परंपरागत उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाए। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और प्रसंस्करण के माध्यम से नए उत्पाद बाजार में लाए जा सकेंगे। साथ ही, आम के संरक्षण (प्रिजर्वेशन) की सुविधा विकसित कर उसे भी उच्च मूल्य पर बेचे जाने की योजना पर बल दिया गया।
युवाओं को प्रशिक्षण, मिलेगा सरकारी रोजगार में अवसर
श्री चंद्रवाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवाओं को ‘माली प्रशिक्षण’ प्रदान किया जाएगा, जिससे वे शासकीय विभागों में प्राथमिकता के आधार पर रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, आदिवासी विकास विभाग को ड्राइविंग प्रशिक्षण जैसे कौशल विकास कार्यक्रम आरंभ करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि युवा अन्य क्षेत्रों में भी स्वरोजगार या नियुक्ति प्राप्त कर सकें।
मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान
ग्रामीणों की मांग पर ग्राम बरबाही में कलेक्टर ने आंगनबाड़ी और पुल निर्माण हेतु आदिवासी विकास विभाग को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही, क्षेत्र में व्याप्त पेयजल संकट को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने लोक स्वास्य यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय विभाग से दूरभाष के माध्यम से स्थल निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
सामुदायिक सहभागिता से होगा संचालन
ग्रामीणों ने भी परिसर में प्रस्तावित गतिविधियों की सुरक्षा, संचालन और निगरानी में सक्रिय सहभागिता की प्रतिबद्धता जताई। कलेक्टर ने इस सामूहिक सहयोग को एक मॉडल परियोजना के रूप में आगे बढ़ाने की बात कही।