कवर्धा : आदिवासी समाज पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद

कवर्धा : आदिवासी समाज पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में मतांतरित व्यक्ति के शव दफनाने को लेकर हुए विवाद और आदिवासी समाज पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद रहा. बंद का असर कबीरधाम जिले में भी देखने को मिला. चेंबर ऑफ कॉमर्स समेत सर्व आदिवासी समाज ने बंद को समर्थन दिया. बुधवार को कबीरधाम के पूरे बाजार बंद रहे. शहर के प्रमुख बाजार, बस स्टैंड और व्यावसायिक क्षेत्रों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा था. कुछ जगहों पर जहां दुकानें खुली मिलीं, वहां आदिवासी समाज के लोगों ने शांतिपूर्वक बंद रखने की अपील की, जिसके बाद दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी.
आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए सजग
गोड़ समाज के जिला अध्यक्ष राजेश छेदावी ने बताया कि कांकेर जिले के आमाबेड़ा में आदिवासी समाज के लोगों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया, जो निंदनीय है. इसी के विरोध में सर्व आदिवासी समाज समेत दूसरे समुदाय ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है.आदिवासी समाज अपने अधिकारों और सम्मान के लिए एकजुट है.
आपातकालीन सेवाएं नहीं हुईं प्रभावित
आपको बता दें कि बंद के दौरान आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं. मेडिकल स्टोर, अस्पताल, पेट्रोल पंप और छोटी सब्जी-फल की दुकानें खुली रहीं. आदिवासी समाज के लोग शहर में घूम-घूमकर बंद को सफल बनाने की अपील करते नजर आए.
छत्तीसगढ़ में रहने वाले सभी लोग मूल निवासी हैं, लेकिन कुछ लोग धर्मांतरण के कारण भटके हुए हैं. मिशनरी गतिविधियों के माध्यम से आदिवासी हिंदू समाज के लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे समाज में भाईचारे को नुकसान पहुंच रहा है- सीताराम सिंह ठाकुर, धर्म जागरण मंच.
मतांतरण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील
कांकेर में हुई घटना ने कहीं ना कहीं पूरे छत्तीसगढ़ में मतांतरण के खिलाफ एक माहौल तैयार किया है. सर्व हिंदू समाज,आदिवासी समाज समेत दूसरे समुदायों ने भी बंद को खुला समर्थन देते हुए मतांतरण का विरोध किया है. हिंदू संगठनों समेत आदिवासी समाज ने कांकेर की घटना को लेकर कड़ी निंदा की है साथ ही साथ प्रशासन को मतांतरण के खिलाफ सख्त कदम उठाने का ज्ञापन सौंपा है.



