पहुंच विहीन दुर्गम क्षेत्रों में बाल अधिकार संरक्षण के लिए मिसाल है सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत यादव के कार्य।

VIKASH SONI

कवर्धा:- पहुंच विहीन दुर्गम क्षेत्रों में बाल अधिकार संरक्षण के लिए मिसाल है सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत यादव के कार्य

वर्तमान में युवा अपने निजी जीवन को एक अच्छी नौकरी, भौतिक आभा से परिपूर्ण अत्यधिक धन की लालसा लेकर काम करते हैँ। रोजगार और व्यवसाय करते हुए आपको कई जगह मिल सकते हैं । लेकिन अपने जन्मभूमि से दूर कर्मभूमि पर बहुत कम लोग मिलेंगे। वह भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को रुचिपूर्ण कार्यक्षेत्र चुनकर, विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को ही अपना परिवार मानकर 12 वीं पास करने के बाद अपना जीवन समर्पित कर कार्य करने लगे। पिछड़े गाँव के गरीब गौ सेवक चरवाहा यादव परिवार में जन्में चद्रकांत का जीवन बहुत ही संकट से गुजरा। वह समुदाय में कार्य करते हुए उच्च शिक्षा समाजशास्त्र में पूर्ण किये। महज 36 साल के युवा चंद्रकांत यादव बाल संरक्षण के कार्यों के लिए किसी परिचय के मोहताज नहीं है। चंद्रकांत छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिष्ठित संस्थान ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान, निमोरा रायपुर के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर भी रहे हैं उन्होंनें जिले में पंचायती राज अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), सामाजिक अंकेक्षण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया है। किशोर न्याय बालकों का देखरेख संरक्षण अधिनियम 2016 के प्रावधानों का भी प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैँ। फिलहाल विकासखंड बोड़ला के तरेगांव जंगल में ग्रामोदय संस्थान का नेतृत्व करते हुए विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के आजीविका एवं बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण के लिए कार्य कर रहे हैं। जन सहयोग एवं समुदाय के मदद से वनांचल क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है । चंद्रकांत यादव कबीरधाम जिले में सन 2016 से 2022 तक 6 वर्षो तक चाइल्ड लाइन परियोजना में कार्य करते हुए एक हजार से ज्यादा बच्चों के बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य किये हैं। कोविड -19 महामारी के दौर में भी रात दिन बच्चों के सुरक्षा के लिए मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। बाल विवाह रोकथाम, बाल श्रम रोकथाम एवं बाल यौन शोषण जैसे गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए भी कठिन प्रयास करते हुए बच्चों को इंसाफ दिलाने का संवेदनशील एवं साहसिक कार्य भी किया गया। चंद्रकांत यादव को विधिक सहायता के क्षेत्र में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2015 एवं 2017 में दो बार राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट पैरा विधिक स्वयंसेवक के रूप में चयन किया गया था। वर्ष 2015 के सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी थे। वहीं 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह जी के करकमलों से बच्चों के कुपोषण को दूर करने के उल्लेखनीय योगदान के लिए भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है । बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में इनके कार्य एवं निरंतर प्रयास अभी भी जारी है । छत्तीसगढ़ के नवगठित सरकार से कबीरधाम जिले वासियों एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को यह उम्मीद एवं विश्वास है कि बाल अधिकार संरक्षण के लिए जमीनी स्तर पर अभूतपूर्व कार्य करने वाले कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही दिया जाना चाहिए। जिससे अनुभव का लाभ एवं बच्चों के अधिकारों का संरक्षण के दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ग्राम पुटपुटा डोकरी घटिया में हुआ भव्य मेला का आयोजन

पोलमी – वनांचल क्षेत्र के ग्राम पुटपुटा में डोकरी घटिया मेला का आयोजन हुआ। मॉ डोकरीदाई की पावन धराधाम मे माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर तीन दिवसीय मेला का हुआ भव्य आयोजन जिसमे भक्तों  की भीड़ उमड़ी  मॉ डोकरीदाई व भोलेनाथ की दर्शन कर पूजा अर्चना किया गया। जिसमें  जन […]

You May Like

You cannot copy content of this page