गर्भवती महिलाओ के जाँच के नाम पर स्वास्थ्य से खिलवाड़ नही रखा जा रहा सुविधाओं का ध्यान।
बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला।
बोड़ला – प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान. यह अभियान गर्भवती महिलाओं को हर महीने के 9वें दिन प्रसवपूर्व देखभाल सेवाएं मुफ़्त में उपलब्ध कराता है. इस अभियान के तहत, गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण देखभाल सेवाएं दी जाती हैं. इस अभियान का मकसद देश में 3 करोड़ से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं को बेहतर प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करना है. इस बेहतर स्वास्थ्य लाभ के चक्कर में बहुत सी गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य विभाग पहुंचती है परंतु इस लाभ को लेकर बोड़ला स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं को बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं की जिससे दूर से आए ही महिलाओं में काफी रोष देखने को मिला महिलाओं ने बताया कि घंटे से खड़े हैं पर यहां बैठने की व्यवस्था तक नहीं है कुछ लोग जमीन का सहारा लिए हुए बैठे हैं तो कुछ लोग बाहर गेट में बैठे हैं, ऐसी अव्यवस्था पर जब बी एम ओ विवेक चंद्रवंशी को कॉल किया गया तो उन्होंने चेयर मंगवा रहा हूं यह कह कर अपनी बात कही। पर समस्या यहां नहीं खत्म होती विभाग को पता है कि प्रत्येक 9 तारीख को महिलाओं को चेकअप करना होता है तो व्यवस्थाएं पहले से क्यों नहीं करके रखी गई। वही गर्भवती महिलाओं ने बताया है कि खड़े-खड़े कमजोरी से लगने लग गया तो कुछ नहीं बताया कि चक्कर आने लग गया है ऐसी स्थिति में विभाग को संज्ञान में लेना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न घट जाए। जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।