पण्डरिया ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया शिक्षकों का सम्मान
AP न्यूज़ कवर्धा पंडरिया
पण्डरिया- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर
भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
विश्व के विभिन्न देश अलग-अलग तारीख़ों में ‘शिक्षक दिवस’ को मानते हैं।
पण्डरिया विधायक ममता चंद्राकर और ब्लाक अध्यक्ष नवीन जायसवाल के द्वारा शिक्षको का सम्मान हेतु गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजन रखा गया। जिसमे कांग्रेस के हमारे सभी कार्यकर्त्तागढ़ नगर के सभी विद्यालय महाविद्यालय जाकर शिक्षको का सम्मान किया।
आज इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय पण्डरिया, स्वामी आत्मानंद स्कुल, बुनियादी शाला, कन्या विद्यालय,रघुराज कन्या, भारतीय विद्यापीठ व नगर के सभी विद्यालय विद्यालय में जाकर शिक्षकों का हृदय से सम्मान किया गया।
मनीष शर्मा जिला महासचिव युवा कांग्रेस
ने कहा की शिक्षक दिवस कहने-सुनने में तो बहुत अच्छा प्रतीत होता है, लेकिन क्या हम इसके महत्त्व को समझते हैं। शिक्षक दिवस का मतलब साल में एक दिन अपने शिक्षक को भेंट में दिया गया एक गुलाब का फूल या कोई भी उपहार नहीं है और यह शिक्षक दिवस मनाने का सही तरीका भी नहीं है।यदि शिक्षक दिवस का सही महत्त्व समझना है तो सर्वप्रथम हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि आप एक छात्र हैं और उम्र में अपने शिक्षक से काफ़ी छोटे है। और फिर हमारे संस्कार भी तो यही सिखाते है कि हमें अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए। अपने गुरु का आदर-सत्कार करना चाहिए। हमें अपने गुरु की बात को ध्यान से सुनना और समझना चाहिए। अगर अपने क्रोध, ईर्ष्या को त्याग कर अपने अंदर संयम के बीज बोएं तो निश्चित ही हमारा व्यवहार हमें बहुत ऊँचाइयों तक ले जाएगा और तभी हमारा शिक्षक दिवस मनाने का महत्त्व भी सार्थक होगा। एनएसयूआई छात्र नेता रवि मानिकपुरी ने कहा की 5 सितम्बर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के स्मृति को शिक्षक दिवस के रूप में गुरुओं का सम्मान कर मनाया जाता है।इस दिन प्रत्येक छात्र को अपने गुरु को मान-सम्मान देने और उनकी आज्ञा मानने का प्रण लेंना चाहिए। विशेष भारत में जहाँ शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, वहीं अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है, लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है।
शिक्षक दिवस गुरु की महत्ता बताने वाला प्रमुख दिवस है। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक का समाज में आदरणीय व सम्माननीय स्थान होता है। भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस और उनकी स्मृति के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला ‘शिक्षक दिवस’ एक पर्व की तरह है, जो शिक्षक समुदाय के मान-सम्मान को बढ़ाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन को ‘गुरु दिवस’ के रूप में स्वीकार किया गया है। विश्व के विभिन्न देश अलग-अलग तारीख़ों में शिक्षक दिवस को मानते हैं। बहुत सारे कवियों, गद्यकारों ने कितने ही पन्ने गुरु की महिमा में रंग डाले हैं।
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।
कबीरदास द्वारा लिखी गई उक्त पंक्तियाँ जीवन में गुरु के महत्त्व को वर्णित करने के लिए काफ़ी हैं।
भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है। गुरुओं की महिमा का वृत्तांत ग्रंथों में भी मिलता है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन ख़ूबसूरत दुनिया में लाते हैं। उनका ऋण हम किसी भी रूप में उतार नहीं सकते, लेकिन जिस समाज में रहना है, उसके योग्य हमें केवल शिक्षक ही बनाते हैं। यद्यपि परिवार को बच्चे के प्रारंभिक विद्यालय का दर्जा दिया जाता है, लेकिन जीने का असली सलीका उसे शिक्षक ही सिखाता है।
समाज के शिल्पकार कहे जाने वाले शिक्षकों का महत्त्व यहीं समाप्त नहीं होता, क्योंकि वह ना सिर्फ़ विद्यार्थी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि उसके सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों द्वारा रखी जाती है। आज सम्मान समारोह में विधायक प्रतिनिधि गुरुदत्त शर्मा,नगर पंचायत पण्डरिया एल्डमैन अकबर खान खोवाराम भास्कर,चंद्रभान टण्डन संदीप साहू अंकित तिवारी, विकास देवांगन लितेश ठाकुर,बिट्टू यादव,सन्नी जायसवाल रिंकू,नरेश धुलिया तेजस्वी जायसवाल उपस्थित रहे ।